Sakat Chaturthi पर कर लें ये आसान उपाय, परेशानी होगी दूर

Update: 2025-01-17 07:52 GMT
Sakat Chaturthi ज्योतिष न्यूज़: हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन सकट चतुर्थी व्रत को बेहद ही खास माना जाता है जो कि साल में एक बार आता है यह पर्व भगवान गणेश को समर्पित है इस दिन भक्त गणपति की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
 पंचांग के अनुसार माघ मास में पड़ने वाली सकट चतुर्थी को सकट चौथ और तिल चतुर्थी भी कहा जाता है। तो इस बार कल यानी 17 जनवरी दिन शुक्रवार यानी आज मनाई जा रही है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी माना जाता है लेकिन इसी के साथ ही अगर इस दिन ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानी भी दूर हो जाती है और गणपति का
आशीर्वाद मिलता है।
 ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्र—
ध्यान
ओम सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्।।
मूल-पाठ
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।
हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।
महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।
तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।
 भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।
शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।
इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित:।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत्।।
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