Surya Grahan 2022: साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज यानी 25 अक्टूबर 2022 को लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. भारत में भी इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकेगा. ज्योतिष में ग्रहण को अशुभ घटनाओं में गिना जाता है. इस वजह से ग्रहण के दौरान शुभ कार्य और पूजा पाठ वर्जित माने जाते हैं. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य पीड़ित हो जाते हैं, जिस कारण सूर्य की शुभता में कमी आ जाती है. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का समय
25 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार अपराह्न 2 बजकर 29 मिनट पर आइसलैंड में शुरू होगा, जो सायंकाल 6 बजकर 20 मिनट पर अरब सागर में ख़त्म होगा. भारत में यह सूर्य ग्रहण अपराह्न लगभग 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर सायंकाल 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा.
यह आंशिक सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, उत्तर-पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा. भारत में ग्रहण नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी, मथुरा में दिखाई देगा, यह भी बताया जा रहा है कि पूर्वी भारत को छोड़कर सारे भारत में इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकता है.
NASA और Timeanddate.com दोनों ने सूर्य ग्रहण के दीदार के लिए लाइव स्ट्रीम लिंक जारी किया गया है. इसके जरिए दुनिया भर के लोग इस अद्भुत खगोलीय घटना को देख सकेंगे.इसके अलावा आप 'Royal Observatory Greenwich' के यूट्यूब चैनल पर भी सूर्य ग्रहण को लाइव देख सकते हैं.
साल के इस आखिरी सूर्य ग्रहण का असर अलग-अलग राशियों पर पड़ेगा. मेष, वृषभ और मिथुन राशि के लोगों पर सूर्य ग्रहण का बुरा असर देखने को मिलेगा. कर्क राशि वाले लोगों को इस दौरान धनलाभ होगा. कन्या राशि वालों को इस दौरान हानि हो सकती है. वृश्चिक वालों को धन की हानि होने की संभावना है और धनु राशि वालों इस दौरान लाभ होगा.
इस दौरान वृद्ध, गर्भवती स्त्रियां और बालकों को छोड़कर सभी लोगों को सोना, खाना-पीना से बचना चाहिए. गर्भवती स्त्रियों को तो विशेष तौर पर पूरे ग्रहण में एक स्थान पर बैठना चाहिए. साथ ही बैठकर हनुमान चालीसा आदि का पाठ कर सकते हैं. उससे ग्रहण असर उनके ऊपर प्रभावहीन रहेगा.
आसमान में होने वाली इस खगोलीय घटना को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए क्योंकि सूर्य की किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं. सूर्य ग्रहण को टेलीस्कोप से भी नहीं देखना चाहिए. इसे देखने के लिए विशेष रूप से बनाए गए चश्मों का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
ग्रहणकाल के दौरान चाकू, छुरी जैसे तेज किनारों वाली वस्तुओं का प्रयोग ना करें. इस दौरान भोजन और पानी का सेवन करने से भी बचें.
ग्रहणकाल के दौरान स्नान और पूजा ना करें ग्रहणकाल के दौरान इन कार्यों को शुभ नहीं माना जाता है. इस दौरान आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं.