Skanda Sashti 2025: स्कंद षष्ठी के दिन इस विधि से करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना

Update: 2024-12-31 05:41 GMT
Skanda Sashti 2025: पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 04 जनवरी को देर रात 10 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 05 जनवरी को रात 08 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 05 जनवरी, 2025 को स्कंद षष्ठी मनाई जाएगी. यह नए साल में पड़ने वाली पहली स्कन्द षष्ठी होगी, जब भक्त भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना करेंगे|
भगवान कार्तिकेय की ऐसे करें पूजा
सबसे पहले पूजा करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
एक साफ-सुथरा स्थान चुनें और उसे फूलों और दीपक से सजाएं.
भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या चित्र को एक साफ आसन पर स्थापित करें.
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, चंदन, अक्षत, फूल, धूप, दीपक, नैवेद्य आदि एकत्रित करें.
भगवान कार्तिकेय के सामने घी का दीपक जलाएं.
भगवान कार्तिकेय को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करें.
भगवान को चंदन और अक्षत अर्पित करें.
भगवान को फूल अर्पित करें और कमल का फूल
चढ़ाना
विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
भगवान को फल, मिठाई या अन्य नैवेद्य अर्पित करें.
भगवान कार्तिकेय के ॐ षडाननाय नमः, ॐ स्कन्ददेवाय नमः, ॐ शरवणभवाय नमः, ॐ कुमाराय नमः मंत्रों का जाप करें.
भगवान कार्तिकेय की आरती करें और स्कंद षष्ठी की व्रत कथा का पाठ करें.
पूजा के दौरान मन को शांत रखें और भगवान कार्तिकेय के प्रति श्रद्धाभाव रखें.
पूजा के समय किसी भी प्रकार का विवाद या झगड़ा न करें और व्रत के दौरान मांस-मदिरा का सेवन न करें.
स्कंद षष्ठी का महत्व
स्कंद षष्ठी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है जो युद्ध के देवता हैं. यह पर्व आमतौर पर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से भक्तों को शौर्य, बुद्धि और विजय का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है. भगवान कार्तिकेय की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और संतान प्राप्ति के लिए भी भक्त इस दिन व्रत रखते हैं|
Tags:    

Similar News

-->