यदि आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पितृ पक्ष के दिनों में ये उपाय करें

पितृ पक्ष के दिनों में ये उपाय करें

Update: 2022-09-02 11:27 GMT
ज्योतिष: हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दिनों को बेहद ही खास माना जाता है इन दिनों में पितर देवता यानी पूर्वजों को याद किया जाता है पितृपक्ष के 15 दिन पूर्वजों को समर्पित होते हैं इस दौरान उनका श्राद्ध, तर्पण व पूजन ध्यान करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है ऐसे में अगर आप पितृदोष से पीडि़त है और इसके निवारण का उपाय खोज रहे हैं तो आपके लिए पितृपक्ष का दिन बेहद ही खास है क्योंकि इस दौरान कुछ उपायों को करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और पितर देवता प्रसन्न होकर अपने वंशजों पर कृपा व आशीर्वाद बरसाते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा पितरों को प्रसन्न करने के कुछ अचूक उपाय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
हिंदू धर्म और शास्त्रों में गाय को माता मान कर इसकी पूजा की जाती है वही मान्यता है कि गाय का दान किया जाए तो जन्मों जन्म के पापों का शमन हो जाता है पितृपक्ष के दिनों में गाय का दान करने से पितृदोष से छुटकारा मिल जाता है अगर आप गाय का दान नहीं कर सकते हैं तो वो लोग गाय की सेवा करें। किसी भी गौशाला में जाकर चारे पानी के रूप में अपना सहयोग दे सकते हैं
गायों के लिए आप किसी भी गौशाला में हरी घास का दान कर सकते हैं ऐसा करने से आपको पितृदोष से छुटकारा मिल जाएगा साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। गाय की सेवा को धार्मिक तौर पर बहुत बड़ा पुण्य माना गया है इसलिए आप के पास जब भी वक्त हो आप गाय की सेवा जरूर करें। वहीं अगर आपके घर के दवार पर कोई गाय बैठी हुई है तो उसे भगाना या फिर दुत्काराना नहीं चाहिए
ऐसा करने से माता लक्ष्मी और पूर्वज दोनों ही अप्रसन्न हो सकते हैं बल्कि जब भी आप घर के सदस्यों के लिए रोटी बनाएं तो पहली रोटी गाय को जरूर दें ऐसा करना भोजन व धन में वृद्धि करता है। धार्मिक तौर पर गाय को सकारात्मकता का स्त्रोत भी माना जाता है जो लोग डिप्रेशन के शिकार है वे गाय के साथ वक्त गुजार सकते हैं गायों के नजदीक रहने से उनके स्वभाव में सकारात्मकता आती है और डिप्रेशन की समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है वही राहु केतु की शांति के लिए चितकबरी और काली गाय की सेवा करना लाभकारी बताया गया है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए पितृपक्ष के दौरान गायों की सेवा जरूर करें।
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