Shubh Vivah Muhurta: वर्ष 2020 में शुभ विवाह के ये हैं शुभ मुहूर्त, जानें किन तिथियों में गूंजेगी शहनाई
हिन्दू धर्म में विवाह को महत्व बेहद अहम है। इसे सात जन्मों का बंधन माना जाता हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हिन्दू धर्म में विवाह को महत्व बेहद अहम है। इसे सात जन्मों का बंधन माना जाता हैं। शास्त्रों के अनुसार, यह एक बेहतर ही मांगलिक और पवित्र कार्य होता है। विवाह को शुभ मुहूर्त, शुभ तिथि और विशेष नक्षत्र देखकर ही संपन्न किया जाना चाहिए। अगर ऐसा किया जाए तो हर कार्य में सफलता मिलती है और विवाहित जीवन भी खुशहाल रहता है। विवाह के लिए हस्त, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़, उत्तराभाद्रपद, स्वाति, मघा, मूल, अनुराधा, मृगशिरा, रेवती, रोहिणी नक्षत्र शुभ बताए गए हैं। इस वर्ष विवाह के कौन-कौन से शुभ मुहूर्त हैं इसकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।
विवाह के लिए उत्तम माह:
विवाह के लिए शुभ माह माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, मार्गशीर्ष माने गए हैं। माना जाता है कि अगर इन महीनों में विवाह संपन्न किया जाए तो दांपत्य जीवन सुखी रहता है। कोरोना के चलते वर्ष 2020 में शादी एक चुनौती से कम नहीं है। शुभ मुहूर्तों का भी अभाव है। अब इस वर्ष को खत्म होने में कुछ ही दिन शेष हैं। इन शेष दिनों में विवाह के मात्र पांच शुभ मुहूर्त ही हैं। सनातन धर्म में शुभ मुहूर्त का होना बेहद जरूरी होता है। मुहूर्त, नक्षत्र को देखकर ही शादी विवाह तय किया जाता है। इस वर्ष विवाह का पहला शुभ मुहूर्त 18 जनवरी 2020 था। वहीं, आखिरी शुभ मुहूर्त 11 दिसंबर 2020 को है। आइए ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री से जानते हैं कि इस वर्ष विवाह के कितने मुहूर्त शेष रह गए हैं।
वर्ष 2020 के अंतिम दिनों में विवाह के ये हैं शुभ मुहूर्त:
भारतीय वैदिक पंचांगों की मानें तो इस वर्ष नवंबर में मात्र दो शुभ मुहूर्त 25 व 30 नवम्बर 2020 के है। वहीं, दिसंबर में 3, 7, 9 और 11 का भी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है। शेष बचे दिनों में मात्र पांच दिन ही इतने ही शुभमुहूर्त होने के चलते 25 नवम्बर 2020 तक देव शयनकाल, आश्विन अधिकमास, धनु संक्रांति आदि है। इस समय शुद्धि के साथ ही शुभ मुहूर्त की गणना वर वधू के चन्द्र, सूर्य व गुरु बल के साथ शुद्ध विवाह की तिथि बनती है। शुद्ध विवाह की तिथि निर्धारण सामान्य कार्य नहीं है। यह कार्य योग्य ज्योतिषी के मार्गदर्शन में ही यह किया जाना चाहिए। वर्ष 2020 के एकअबूझ मुहूर्त भी है। यह है देवोत्थान एकादशी। इस अबूझ संज्ञक मुहूर्त में सभी विवाह योग्य युवक-युवती विवाह कर सकते हैं।
15 दिसंबर 2020 से 15 जनवरी 2020 के बीच में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जा सकेगा क्योंकि इस दौरान सूर्य धनु राशि में आ जाएंगे। इसे धनुर्मास कहा जाता है। इस दौरान 17 दिसंबर 2020 को भी गुरु अस्त हो जाएंगे, जो कि 11 जनवरी तक चलेगा।