Shattila ekadashi vrat katha: षटतिला एकादशी के दिन पढ़ें ये व्रत कथा, धन-धान्य से भर जाएगा आपका घर
Shattila ekadashi vrat katha: 25 जनवरी 2025 आज यानी षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 26 मिनट से लेकर 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने के साथ व्रत कथा पढ़ने और सुनने से जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा व्यक्ति का घर खुशियों के साथ धन से भर जाता है|
षटतिला एकादशी की व्रत कथा-
षटतिला एकादशी की कथा के अनुसार, एक बार नारद जी भगवान विष्णु के दरबार में पहुंचे और माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के महात्म्य के बारे में पूछा. जिसके बाद श्रीहरि विष्णु ने नारद जी को बताया कि-एक समय में पृथ्वी लोक पर एक ब्रह्माणी रहती थी. वह हमेशा व्रत और पूजा पाठ में लगी रहती थी. बहुत ज्यादा उपवास आदि करने से वह शारीरिक रुप से कमजोर हो गई थी. लेकिन, उसने ब्राह्मणों को अनुदान करके काफी प्रसन्न रखा. लेकिन, वह देवताओं को प्रसन्न नहीं कर पाई|
एक दिन श्रीहरि स्वयं एक कृपाली का रुप धारण कर उस ब्रह्माणी के घर भिक्षा मांगने पहुंचे. ब्रह्माणी ने आक्रोश में आकर भिक्षा के बर्तन में एक मिट्टी का डला फेंक दिया. इस व्रत के प्रभाव से जब मृत्यु के बाद वह ब्रह्माणी रहने के लिए स्वर्ग पहुंची तो उसे रहने के लिए मिट्टी से बना एक सुंदर घर मिला. लेकिन, उसमें खाने की कोई व्यवस्था नहीं थी. उसने दुखी मन से भगवान से प्रार्थना की कि मैंने जीवन भर इतने व्रत आदि, कठोर तप किए हैं फिर यहां मेरे लिए खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है. इसपर भगवान प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि इसका कारण देवांगनाएं बताएंगी, उनसे पूछो|
जब ब्रह्मणी ने देवांगनाओं से जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि तुमने षटतिला एकादशी का व्रत नहीं किया. पहले षटतिला एकादशी व्रत का महात्म सुन लो. ब्रहामणी ने उनके कहने पर षटतिला एकादशी का व्रत किया. इसके प्रभाव से उसके घर पर अन्नादि समस्त सामग्रियों से युक्त हो गया. मनुष्यों को भी मूर्खता आदि का त्याग करके षटतिला एकादशी का व्रत और लोभ न करके तिल आदि का दान करना चाहिए. इस व्रत के प्रभाव से आपका कष्ट दूर होकर मोक्ष की प्राप्ति होती है|