Shardiya Navratri: इस मुहूर्त में करें स्कंदमाता की पूजा मिलेगा दोगुना फल

Update: 2024-10-07 09:13 GMT
Shardiya Navratri ज्योतिष न्यूज़ : हिंदुओं का प्रमुख पर्व नवरात्रि चल रहा है जिसका आरंभ इस बार 3 अक्टूबर से हो चुका है और समापन 11 अक्टूबर को हो जाएगा। इसके अलगे दिन दशहरा पर्व मनाया जाएगा। आज यानी 7 अक्टूबर दिन सोमवार को शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन है जो कि मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप देवी स्कंदमाता को समर्पित है।
इस दिन भक्त माता रानी के इस रूप की विधिवत पूजा करते हैं माना जाता है कि स्कंदमाता की पूजा अर्चना जीवन का कल्याण करती है और दुख परेशानियों को दूर कर देती है।
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा अर्चना शुभ मुहूर्त में करें ऐसा करने से दोगुना फल मिलता है तो आज हम आपको देवी साधना का सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 48 मिनट पर होगी वही इसका समापन 8 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 18 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में स्कंदमाता की पूजा अर्चना के लिए दिनभर का समय प्राप्त हो रहा है इस दौरान देवी साधना करना लाभकारी होगा।
 स्कंदमाता की पूजा विधि—
नवरात्रि के पांचवे दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद देवी की प्रतिमा को स्थापित करें और गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद पूरे परिवार के साथ माता के जयकारे लगाएं। माता को पीली चीजें प्रिय हैं। इसलिए पीले पुष्प, फल, पीले वस्त्र आदि देवी को अर्पित करें साथ ही अगर आप अग्यारी करते हैं तो रोज की तरह लौंग, बताशा आदि चीजें अर्पित करें इसके बाद माता को रोली, अक्षत, चंदन अर्पित करें फिर केले का भोग लगाएं इसके बाद घी का दीपक या कपूर से माता की आरती करें और जयकारे लगाएं। फिर दुर्गा सप्तशती और चालीसा का पाठ भक्ति भाव से करें। साथ ही देवी के मंत्रों का भी जाप करें शाम के समय माता की आरती करें।
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