Shani Dev Puja: सनातन धर्म में भगवान शनि की पूजा का विशेष महत्व है। शनिवार के दिन न्याय के देवता की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि रवि पुत्र की पूजा करने से व्यक्ति का भाग्य खुल जाता है। ऐसे में सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। इसके बाद सुबह पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। फिर शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके अलावा 'दशरथकृत शनि स्तोत्र' का पाठ कर आरती करें।
शनि देव आरती।।
जय-जय श्रीशनिदेव भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ।। जय-जय ।।
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ।। जय-जय ।।
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहार ।। जय-जय ।।
मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ।। जय-जय ।।
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ।। जय-जय ।।