Shabar Mantra: संकट मोचन वीर हनुमान, हाथ में लड्डू, मुख में पान, 12 बरस के वीर हनुमान ये चमत्कारी साबर मंत्र है. हनुमान जी बहुत प्रिय हैं, बहुत सुंदर हैं और बहुत ही दयालु हैं. आज हनुमान जी के शाबर मंत्र के बारे में बात करेंगे. शाबर मंत्र के विधान के बारे में सबसे पहले ये जान लें कि इसे लिखा नहीं जाता बल्कि सुनकर याद किया जाता है. मान्यता है कि याद होने पे ये मंत्र स्वयं ही सिद्ध हो जाता है. जिस शाबर मंत्र में या किसी भी मंत्र में कामना हो और जिसका उपयोग किसी भी कार्य सिद्धि के लिए करते है तो उन्हें सिद्ध करना आवश्यक है.
मंत्र सिद्ध करने का समय
इस हनुमान मंत्र की सिद्धि 40 दिन में होती है. लगातार ब्रह्म मुहूर्त में या संध्या काल में 9:00 बजे रात्रि के बाद जाप करें.
मंत्र सिद्ध करने का सही तरीका
हनुमान जी का शाबर मंत्र: ॐ नमो बजर का कोठा, जिस पर पिंड हमारा पेठा. ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला, मेरे घट के हनुमान महा बिरख वाले जो फिरे हनुमान राम की दुहाई
पूजा स्थान पर बैठकर आप विधि-विधान के साथ इस मंत्र का जाप करें. हनुमान जी के इस मंत्र सिद्धी के लिए पान रखा जाता है. पान का बीड़ा बनाएं और उस पान के पत्ते पर नारियल, सुपारी, इलाइची, लॉन्ग और थोड़ा सा मीठा लड्डू या गुड़ रखें. पान को बढ़िया से मोड़कर उसमें लॉंग लगाकर हनुमान जी की मूर्ति के सामने रखें. दीपक जलाकर हनुमान जी का ध्यान करें. ध्यान लगाकर बोलें हाथ में लड्डू, मुख में पान 12 बरस के वीर हनुमान. घी का, तेल का जो भी आपके पास है आप उसका दीपक जलाएं और हनुमान जी का ध्यान करते हुए तुलसी जी के माला से, लाल चंदन के माला से, कमल गट्टे की माला से या आपके पास जो भी उपलब्ध है अच्छी माला होना चाहिए. रुद्राक्ष माला से किसी से भी एक माला से इस मंत्र का 40 दिनों तक जाप करें.
इस तरह एक ही दिन में सिद्ध करें शाबर मंत्र
अगर आपको 40 दिन का समय नहीं मिल पाता. तो जिस दिन शनिश्चरी अमावस्या हो या मंगली अमावस्या हो या मंगल पूर्णिमा हो उस दिन रात को 12 माला इस मंत्र का जाप करें. घी का दीपक जलाएं, लड्डू नारियल पान रखें. हनुमान जी को प्रिय है राम नाम तो पहले थोड़ा राम नाम का कीर्तन करके पूरा दिशा में मुख रख करके, लाल पीला आसन हो उसपे बैठ करके इस मंत्र का जाप करें. 12 माला इस मंत्र को जपें. ऐसा करने से ये हनुमान जी का शाबर मंत्र एक ही रात में सिद्ध हो जाता है. इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करते बैठें. लाल पीला आसन रखें. तुलसी, लाल चंदन, रुद्राक्ष, कमलगट्टा या मुंगे का माला का प्रयोग कर सकते हैं.