कल यानी 1 अगस्त को सावन का पांचवां मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। जो कि मां गौरी की पूजा आराधना को समर्पित होता हैं इस दौरान भक्त देवी मां की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर का उपवास भी रखते हैं।
माना जाता हैं कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से माता की कृपा प्राप्त होती हैं और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती हैं, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा मंगला गौरी व्रत पूजन की संपूर्ण विधि की जानकारी प्रदान कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
मां मंगला गौरी की पूजा विधि—
सावन के पांचवें मंगला गौरी व्रत के दिन अगर उपवास रख रहे हैं तो इस दिन व्रती को सुबह उठकर स्नान आदि करना चाहिए इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर घर की अच्छी तरह से साफ सफाई करें फिर पूजन स्थल पर दीपक जलाएं और माता के समक्ष हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प करें। इसके बाद देवी पार्वती और शिव की एक साथ पूजा आरंभ करें।
पूजा के लिए एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर इसमें माता पार्वती और शिव की प्रतिमा को स्थापित करें अब माता पार्वती को सिंदूर लगाकर पुष्प, अक्षत, कुमकुम, फल आदि अर्पित करें इसके बाद सोलह श्रृंगार की सभी वस्तुाएं माता को चढ़ाएं। फिर धूप दीपक जलाएं और मंगला गौरी की व्रत कथा का पाठ करें। इसके बाद माता की प्रिय आरती पढ़ें और पूरे दिन फलाहार व्रत रखें। अगले दिन व्रत का पारण करें। इस दिन पूजा पाठ के साथ दान पुण्य के कार्य भी करना उत्तम माना जाता हैं।