Sawan somwar 2021: सावन में मनचाहा पति पाने के लिए कन्याएं करें ये टोटके, पूरी होगी हर इच्छा
सावन का महीना भगवान शिव की परम भक्ति का महीना है।
सावन का महीना भगवान शिव की परम भक्ति का महीना है और यह उन लोगों के लिए बेहद खास माना जाता है जिनको अभी तक उनका मनपसंद जीवनसाथी नहीं मिला है। सावन के महीने में भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करके आप अपनी यह इच्छा भी पूरी हो सकती हैं। लड़के हों या लड़कियां जो भी शिवजी की सच्चे मन से पूजा करता है भोलेबाबा उसकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं सावन के कुछ ऐसे ही उपाय जो आपको अच्छा लाइफ पार्टनर पाने में मदद कर सकते हैं।
सावन में 9 दिन तक करें यह उपाय
सावन के महीने में रोजाना पीले वस्त्र पहनें। रोजाना भगवान शिव और माता पार्वती को गेंदे के फूल की माला अर्पित करें। शाम को शिव-पार्वती की पूजा करें और ओम गौरी शंकराय नम: मंत्र कम से कम 108 बार जप करें। इस उपाय को सावन में रोजाना लगातार 9 दिन तक करने से आपको शीघ्र की शुभ फला की प्राप्ति होगी।
18 से 24 साल तक की कन्याएं करें यह उपाय
रोजाना पीले कपड़े पहनकर भगवान की पूजा करें। शिवलिंग पर इत्र अर्पित करें और मंत्र 'ओम पार्वती पतये नम:' का 108 बार जप करें। इस उपाय को करने से आपको जल्द ही मनचाहा पति मिल जाएगा। इस उपाय को सावन में लगातार 11 दिन तक करें।
30 से ऊपर की कन्याएं ऐसा करें
108 बेलपत्र और हर बेलपत्र पर चंदन से राम लिखें। ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए यह बेलपत्र शिवलिंग पर एक-एक करके चढ़ाएं। इस उपाय को सावन के हर सोमवार को करें। ऐसा करने से जल्द ही आपके लिए अच्छे रिश्ते आने शुरू हो जाएंगे।
नागकेसर का उपाय
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को नागकेसर अतिप्रिय होता है। जो भी जातक सावन के महीने में शिवलिंग पर नागकेसर अर्पित करता है, भगवान शिव उनकी विनती सुन लेते हैं। जो भी लड़कियां अच्छे जीवनसाथी की तलाश में हैं वे रोजाना स्नान करके शिवजी का जलाभिषेक करें और उन्हें नागकेसर चढ़ाएं। उन्हें शीघ्र ही शुभ फल जरूर मिलेगा।
इस मंत्र से होगा खास लाभ
ऊँ ह्रीं गौर्ये नम:
हे गौरी शंकर अर्धागिंनी यथा त्वं शंकर प्रिया
तथा माम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम् "
जिन लड़कियों की शादी नहीं हो पा रही है उन्हें सावन के महीने में या फिर अक्षय तृतीया से इस मंत्र का जप करना शुरू कर देना चाहिए। सावन में शिव-पार्वती के मंदिर में धूप दीप जलाकर पीले और लाल पुष्प अर्पित करने चाहिए। साथ में प्रार्थना करनी चाहिए, हे गौरी जिस प्रकार आप भगवान शंकर की प्रिया हैं, उनकी अर्धांगिनी हैं, उसी प्रकार हे माता कल्याणी मुझको दुर्लभ वर प्रदान करो।