Sawan Shivratri 2024 Rudrabhishek Vidhi: सावन शिवरात्रि के दिन इस विधि से करें रुद्राभिषेक

Update: 2024-08-01 05:30 GMT
Sawan Shivratri 2024 Rudrabhishek Vidhi: हिन्दू धर्म में सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने का बहुत महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की पूजा, उपासना व व्रत करने से लोगों को वैवाहिक जीवन में सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है.
सावन की शिवरात्रि के दिन शिव जी की आराधना करने से सुख-संपत्ति में वृद्धि होती है.
सावन शिवरात्रि पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है. इस शुभ योग में यदि पति और पत्नी एक साथ मिलकर शिव परिवार की
आराधना
करें तो आपके रिश्ते में आपसी प्रेम और वैवाहिक सुख बढ़ता है और आपके घर में खुशहाली बनी रहती है. इस दिन भगवान शिव का इस शुभ मुहूर्त में रुद्राभिषेक करें तो विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर सावन शिवरात्रि तिथि शुरू हो जाएगी और जो कि 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी.
रात के समय प्रथम प्रहर की पूजा 2 अगस्त को शाम 07 बजकर 11 मिनट से शुरू होगी और 09 बजकर 49 मिनट तक होगी.
रात के समय दूसरे प्रहर की पूजा का समय रात 09 बजकर 49 मिनट से 3 अगस्त की सुबह 12 बजकर 27 मिनट कर रहेगा.
तीसरे प्रहर की पूजा का समय 12 बजकर 27 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तक रहेगा.
चौथे प्रहर की पूजा का समय सुबह 3 बजकर 06 मिनट से 05 बजकर 44 मिनट तक रहेगा.
शिवरात्रि व्रत पारण 3 अगस्त को 5 बजकर 44 मिनट से दोपहर 3 बजकर 49 मिनट कर सकते हैं.
निशिता काल पूजा का समय 3 अगस्त को 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा.
भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने के लिए लोगों को सिर्फ 42 मिनट का ही समय मिलेगा.
सावन शिवरात्रि रुद्राभिषेक विधि
सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने के लिए 2 अगस्त को शाम के समय स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें
भगवान शिव, पार्वती सहित सभी देवता और नौ ग्रहों का ध्यान कर रुद्राभिषेक करने का संकल्प लें.
इसके बाद मिट्टी से शिवलिंग बनाकर तैयार करें और उत्तर दिशा में एक चौकी पर स्थापित करें.
रुद्राभिषेक करने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए.
सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाएं. इसके बाद गन्ने के रस, गाय के कच्चे दूध, शहद, घी और मिश्री से शिवलिंग का अभिषेक करें.
हर सामग्री से अभिषेक करने से पहले और बाद में पवित्र जल या गंगाजल अवश्य चढ़ाएं.
प्रभु पर बिल्व पत्र, सफेद चंदन, अक्षत, काला तिल, भांग, धतूरा, आंक, शमी पुष्प व पत्र, कनेर, कलावा, फल, मिष्ठान और सफेद फूल अर्पित करें.
शिव परिवार सहित समस्त देवी-देवताओं की पूजा करें. प्रभु को भोग लगाएं.
अंत में पूरी श्रद्धा के साथ शिव जी की आरती करें. अंत में क्षमा प्रार्थना करें.
रुद्राभिषेक के दौरान अर्पित किया जाने वाला जल या अन्य द्रव्यों को इकट्ठा कर घर के सभी कोनों और सभी लोगों पर छिड़के और इसे प्रसाद स्वरूप में भी ग्रहण कर सकते हैं.
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