Sawan Shivratri 2021: इस दिन रखा जाएगा सावन शिवरात्रि का व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूजा सामग्री
वैसे तो सावन महीने का हर दिन शिव जी की पूजा के लिए बहुत अहम होता है लेकिन इस महीने में किया गया सोमवार का व्रत हो या मंगला गौरी का व्रत ये दोनों शिव और शक्ति की कृपा पाने का अहम जरिया होते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैसे तो सावन महीने (Sawan Month) का हर दिन शिव जी (Shiva Ji) की पूजा के लिए बहुत अहम होता है लेकिन इस महीने में किया गया सोमवार का व्रत (Somvar Vrat) हो या मंगला गौरी का व्रत (Mangala Gauri Vrat) ये दोनों शिव और शक्ति की कृपा पाने का अहम जरिया होते हैं. ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू कहते हैं कि यदि आप किसी कारण से यह व्रत नहीं कर पाए हैं तो निराश न हों क्योंकि आप सावन शिवरात्रि का व्रत रखकर इसकी भरपाई कर सकते हैं. सावन शिवरात्रि व्रत का भी विशेष महत्व होता है. सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखते हुए भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से बहुत लाभ मिलता है.
सौभाग्य और आरोग्य दोनों देता है यह व्रत
सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का व्रत करने से कुंआरे लोगों को मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है और वैवाहिक जीवन के कष्ट दूर होते हैं. कहा जाता है कि जिन लोगों के विवाह में अड़चनें आ रही हैं, उन्हें सावन की शिवरात्रि का व्रत जरूर रखना चाहिए. इससे विवाह की अड़चनें दूर होती हैं और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. इसके अलावा विवाहित लोगों द्वारा यह व्रत करने से उनके वैवाहिक जीवन की मुश्किलें दूर होती हैं. सावन की शिवरात्रि का व्रत रखने और इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से शांति, रक्षा, सौभाग्य और आरोग्य की भी प्राप्ति होती है. मान्यता है कि सावन की शिवरात्रि का व्रत करने वाले व्रती के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.
कब है सावन की शिवरात्रि
मासिक शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होती है. उससे एक दिन पहले प्रदोष व्रत रखा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस सावन महीने की चतुर्दशी तिथि 6 अगस्त दिन शुक्रवार को पड़ेगी. चतुर्दशी तिथि 6 अगस्त को शाम 6 बजकर 28 मिनट पर शुरू होकर 7 अगस्त दिन शनिवार को शाम 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगी. हालांकि शिवरात्रि का व्रत (Sawan Shivratri Vrat) 6 अगस्त को रखा जाएगा.
पूजा का शुभ मुहूर्त
शास्त्रों के अनुसार शिवरात्रि के दिन निशिता काल की पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है. निशिता काल कुल 43 मिनट का है जो 6 अगस्त की रात 12 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. अगर आप निशिता काल में पूजा नहीं कर सकते हैं तो इन शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) में पूजा कर पाते हैं-
शाम 07:08 बजे से रात 09:48 बजे तक
रात 09:48 बजे से देर रात 12:27 बजे तक
देर रात 12:27 बजे से तड़के 03:06 बजे तक
07 अगस्त को सुबह 03:06 मिनट से सुबह 05:46 मिनट तक
7 अगस्त को होगा व्रत का पारणा
शिवरात्रि के व्रत का पारणा उसी दिन नहीं किया जाता है, बल्कि व्रत के अगले दिन किया जाता है. 6 अगस्त को सावन की शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा, ऐसे में व्रत पारणा 7 अगस्त को किया जाएगा. 7 अगस्त की सुबह 05:46 मिनट से लेकर दोपहर 03:47 मिनट तक के बीच कभी भी व्रत का पारणा कर सकते हैं. स्नान के बाद व्रत का पारणा करें और सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद को दान दें.
बता दें कि अगस्त महीने में सावन शिवरात्रि के अलावा 11 अगस्त को हरियाली तीज, 13 अगस्त को नाग पंचमी, 22 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन, 24 अगस्त को कजरी तीज, 30 अगस्त को जन्माष्टमी और 31 को गुग्गा नवमी जैसे महत्वपूर्ण पर्व भी हैं.