Sawan 2021: सावन के अंतिम शनिवार को इन मंत्रों के जाप, शनिदोष का करें निवारण
भगवान शिव ने ही शनि देव को न्याय और दण्ड के अधिकारी का पद दिया है।
भगवान शिव ने ही शनि देव को न्याय और दण्ड के अधिकारी का पद दिया है। शनि देव स्वयं भी भगवान शिव का पूजन स्मरण करते हैं। इसलिए सावन के शनिवार को शनिदेव का पूजन करने से शनि देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। सावन के शनिवार का व्रत रखने तथा विधि पूर्वक शनिदेव का पूजन करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। कल सावन का आखिरी शनिवार है, इस दिन शनिदेव के पौराणिक मंत्रों का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि जिन लोगों पर शनि की महादशा चल रही हो, उन्हें सावन के शनिवार के दिन कुशा के आसन पर बैठ कर, रुद्राक्ष की माला से शनिदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। शनि देव को नीले रंग के फूल अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने से न केवल शनिदेव प्रसन्न होते हैं बल्कि शनिदेव की कुदृष्टि से भी बचा जा सकता है।
शनि देव के मंत्र
1. शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
2. सामान्य मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
3. शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
4. शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
5. शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
6. शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
7. शनि दोष निवारण मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
8. सेहत के लिए शनि मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
9. तांत्रिक शनि मंत्र
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।