ज्योतिष न्यूज़ : कुंडली में हर ग्रहों का अपना विशेष महत्व होता है और ये सभी अलग-अलग स्थान पर होते हैं। हालांकि, शनि का प्रभाव इनमें सबसे भिन्न माना जाता है। ज्योतिष में उन्हें न्याय का देवता कहा जाता है। वह व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल देते हैं। शनिदेव को कुंभ राशि और मकर राशि का स्वामित्व प्राप्त है। इस राशि के जातकों पर इनकी विशेष कृपा बनी रहती है। मान्यता है कि जिस व्यक्ति पर शनि देव का शुभ प्रभाव होता है उसके बिगड़े काम बनने लगते हैं और तरक्की के योग का निर्माण होता है। हालांकि, जिन लोगों पर शनि की महादशा होती है उन्हें शनि के अशुभ परिणाम झेलने पड़ सकते है।
दरअसल शनि देव की महादशा का प्रभाव जातक की कुंडली में शनि की स्थिति व अन्य ग्रहों के साथ उसकी युति और विभिन्न भावों पर आधारित होता है। यदि व्यक्ति पर शनि की महादशा है, तो उसे कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। इस दौरान स्वास्थ्य, नौकरी, आर्थिक व मानसिक परेशानियां बनी रहती है। महादशा के समय कुछ ऐसे कार्य है, जिन्हें करने से बचना चाहिए अन्यथा यह समय अधिक कठिन हो सकता है। आइए उनके बारे में जान लेते हैं।
शनि की महादशा होने पर भूलकर भी न करें ये काम
शनि की महादशा के समय किसी भी कार्य के प्रति आलस करने से बचना चाहिए। इस दौरान आलस करने से जातक को नकारात्मक फल मिलता है।
शनि की महादशा के दौरान यदि आप झूठ बोलते हैं, तो इससे अशुभ परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
इस दौरान किसी दूसरे की भावना को ठेस भूलकर भी न पहुंचाएं। यदि आप ऐसा करते हैं, तो इसका बुरा परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
शनि की महादशा होने पर व्यक्ति को अहंकार की भावना का त्याग करना चाहिए। इस समय किसी भी बात का घमंड जातक का भारी नुकसान करा सकता है।
शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। वह कर्मों के आधार पर व्यक्ति को फल देते हैं। ऐसे में शनि की महादशा के दौरान भूलकर भी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल न हो वरना भारी दण्ड झेलना पड़ सकता है।
शनि की महादशा के उपाय
शनि की महादशा के दौरान उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। सप्ताह के शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। इस दौरान उनकी पूजा करने विशेष कृपा बनी रहती है। महादशा के समय प्रत्येक शनिवार को उनकी विधिनुसार पूजा करनी चाहिए।
शनि के बुरे प्रभावों से बचाव के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें। इस दौरान शनिवार और मंगलवार के दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं व उनकी सेवा करें। जातक को शनि की महादशा में हर दिन शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस दौरान दान करने से उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है।