शनि राशि परिवर्तन इन 3 राशियों पर डालेगा प्रभाव, क्या शामिल है आपकी राशि?
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का विशेष महत्व है। शनि का राशि परिवर्तन करीब ढाई साल में होता है। व
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का विशेष महत्व है। शनि का राशि परिवर्तन करीब ढाई साल में होता है। वर्तमान में शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि की साढ़े साती का धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर प्रभाव है। शनि ढैय्या की चपेट में मकर और तुला राशि हैं।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनि की साढ़े साती और ढैय्या दोनों दशा को कष्टकारी माना गया है। इस दौरान जातकों को शारीरिक, आर्थिक व मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। हालांकि शनि की दशा हर जातक के लिए बुरी हो, ऐसा जरूरी नहीं है। जिनकी कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है, उन्हें शनि की दशा में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जानिए शनि का कब होगा राशि परिवर्तन और किन राशियों को मिलेगी शनि की साढ़े साती से मुक्ति-
कुंभ राशि में शनि करेंगे गोचर-
शनि 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि छोड़कर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। 12 जुलाई तक शनि इसी राशि में रहेंगे। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही धनु राशि के जातक शनि की साढ़े साती से मुक्ति पा जाएंगे, जबकि मीन राशि वाले साढ़े साती की चपेट में आ जाएंगे। मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती बनी रहेगी। 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर मकर राशि में फिर से गोचर करेंगे। शनि के मकर राशि में आने से धनु राशि वालों पर फिर से साढ़े साती शुरू होगी और मीन राशि वाले शनि दशा से मुक्त हो जाएंगे।
शनि की वक्री अवस्था-
12 जुलाई 2022 से 17 जनवरी 2023 तक शनि वक्री अवस्था में मकर राशि में गोचर करने के बाद कुंभ राशि में फिर से प्रवेश कर जाएंगे। जिसके बाद धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी। शनि गोचर के साथ ही मीन राशि वाले साढ़े साती की चपेट में आ जाएंगे। वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी।
इन 5 राशियों को मिलेगी राहत-
वर्तमान में मकर, तुला, कुंभ, धनु और मिथुन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या का प्रभाव है। 11 अक्टूबर 2021 से शनि मार्गी होने जा रहे हैं। इस दौरान इन राशि वालों को थोड़ी राहत मिल सकती है।