5 जून से 141 दिन तक वक्री रहेंगे शनि, जाने किस राशि पर क्या होगा असर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह गोचर करता है या फिर वक्री करता है तो उसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों के जीवन पर पड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह गोचर करता है या फिर वक्री करता है तो उसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों के जीवन पर पड़ता है. 5 जून को शनि अपनी ही राशि कुंभ में वक्री करने जा रहे हैं और 23 अक्टूबर तक कुंभ राशि में ही रहने वाले हैं. 5 जून की सुबह 3:16 बजे से कुंभ राशि में वक्री हो रहे हैं. शनि कुल 141 दिन तक उल्टी चाल चलने वाले हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो लोग शनि की साढ़े साती और ढैय्या से जूझ रहे हैं, शनि की ये उल्टी चाल उनकी परेशानियां और बढ़ा सकती है. ऐसे में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं. इन उपायों से शनि की दशा से कुछ राहत मिलती है. आइए जानें इन उपायों के बारे में.
साढ़े साती और ढैय्या के उपाय
- शनि देव को कर्म फलदाता और न्याय के देवता के नाम से जाना जाता है. इसलिए शनि साढ़े साति और ढैय्या की दशा से बचने के लिए पहले से ही अच्छे कर्म कर लें. दूसरों की मदद करें. किसी से झूठ, चोरी, लालच,घृणा आदि न करें.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन या नियमित रूप से शनि के बीज मंत्र ओम शं शनैश्चराय नम: या फिर ओम प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें. ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं.
- साढ़े साती और ढैय्या के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन शमी के पौधे की पूजा करें. नियमित रूप से शमी के पौधे को जल दें. शनिवार को शाम के समय इसकी पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं. शमी का पौधा शनिदेव का प्रिय है.इसलिए शनिवार के दिन शमी के पौधे की पूजा की जाती है.
ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की छाया होती है. इसलिए शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में अर्घ्य दें. साथ ही, सरसों के तेल का दीपक जलाएं.ऐसा करने से शनि के दुष्प्रभावों, साढ़े साती, ढैय्या और शनि दोष से मुक्ति मिलती है.
- शनि की कुदृष्टि से बचने के लिए शनिदेव की पूजा करें. इसके बाद शनि कलच और शनि रक्षा स्तोत्र का पाठ करें.
- शनिवार के दिन कुत्ता, गिद्ध, घोड़ा, हाथी, हिरण, मोर, आदि को किसी भी प्रकार से हानि न पहुंचाएं. मान्यता है कि ये शनि देव के वाहन है. संभव हो सके, तो शनिवार के दिन इनकी सेवा करें.
- शनिवार के दिन व्रत रखने, शनि चालीसा पाठ और आरती करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है. .