Santoshi Mata ka Vrat: 16 शुक्रवार रखें माता संतोषी का व्रत, दूर होंगे सारे दुख

हिंदू धर्म के अनुसार शुक्रवार का दिन माता संतोषी को समर्पित है

Update: 2021-10-29 17:57 GMT

Santoshi Mata ka Vrat: हिंदू धर्म के अनुसार शुक्रवार का दिन माता संतोषी को समर्पित है और इस दिन संतोषी के नाम से व्रत किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से व्रत और पूजन (Santoshi Mata Fast) करने से माता संतोषी प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. कहा जाता है कि (Friday Fast) शुक्रवार के 16 व्रत करने के बाद उसका उद्यापन किया जाता है. (Friday Fasting Rules) आइए जानते हैं शुक्रवार को व्रत करने की विधि और इसका महत्व

शुक्रवार व्रत की पूजा विधि
शुक्रवार को संतोषी माता (Snatoshi Maa) का व्रत किया जाता है और इस दिन सुबह उठकर, स्नान आदि करें और फिर व्रत का संकल्प लें. संतोषी माता का व्रत 16 शुक्रवार तक किया जाता है. इस दिन सफेद व गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है. व्रत का संकल्प लेने के बाद मंदिर में जल से भरा पात्र रखकर उसके उपर एक कटोरी में गुड़ व भुने हुए चने रखें. इसके बाद माता संतोषी के समक्ष दीपक जलाएं और हाथ में गुड़—चना लेकर कथा पढ़ें. कथा पूरी होने के बाद आरती करें और माता को भोग लगाएं. इस व्रत में खट्टी चीजें नहीं खानी चाहिए. ध्यान रखें प्रसाद भी केवल घर के सदस्यों को ही बांटें और ध्यान रखें की घर में उस दिन कोई भी खट्टा न खाएं.
शुक्रवार व्रत का महत्व
मान्यता है कि शुक्रवार को माता संतोषी की विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. माता संतोषी अपने भक्तों के सभी दुख दूर करती हैं और घर में खुशहाली लाती हैं. शुक्रवार का व्रत करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और पारिवारिक खुशहाली आती है. मान्यता है कि शुक्रवार का व्रत निश्चय ही हर तरह से फलदायी होता है. ऐसे में इस व्रत को भक्ति-भाव के साथ 16 शुक्रवार तक करना चाहिए.


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