कल रखा जाएगा संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानिए पूजन विधि

Update: 2023-06-06 13:28 GMT
हिंदू धर्म में श्री गणेश की पूजा को कई सारे व्रत समर्पित हैं लेकिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत बेहद ही खास माना जाता हैं। पंचांग के अनुसार हर माह में दो चतुर्थी तिथि पड़ती हैं जो कि गणेश आराधना को समर्पित होती हैं कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानी जाती हैं तो वही शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता हैं अभी आषाढ़ का महीना चल रहा हैं और इस महीने पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जा रहा हैं जो कि श्री गणेश आराधना का उत्तम दिन हैं।
इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत कल यानी 7 जून दिन बुधवार को किया जाएगा। इसे कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता हैं जीवन गणेश आराधना करने से जीवन में आने वाली हर समस्या दूर हो जाती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा संकष्टी चतुर्थी की पूजन विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
पूजन की संपूर्ण विधि—
आपको बता दें कि संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद व्रत पूजन का संकल्प करते हुए पूजन स्थल की अच्छी तरह साफ सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। फिर श्री गणेश को वस्त्र पहनाएं और मंदिर में घी का दीपक जलाएं।
अब भगवान का तिलक करें और पुष्प अर्पित करें। इसके साथ ही भगवान को 21 दूर्वा की गांठ अर्पित करें और मोतीचूर के लड्डूओं का भोग लगाएं और सभी पूजन सामग्री अर्पित करें इसके साथ ही पूजन के अंत में भगवान की आरती करें और अपनी भूल चूक के लिए क्षमा मांगे। इसके बाद सभी में प्रसाद वितरण करें मान्यता है कि इस विधि से श्री गणेश की पूजा करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं।
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