वैशाख पूर्णिमा व्रत में करें इस कथा का पाठ, हर मनोकामनाएं होंगी पूरी

Update: 2024-05-21 07:43 GMT
नई दिल्ली : पूर्णिमा का पर्व भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस बार वैशाख माह में पूर्णिमा 23 मई को है। मान्यता है कि पूर्णिमा पर दान-पुण्य करने से जातक को 32 गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं। इस दिन श्री हरि और मां लक्ष्मी की आराधना करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। अगर आप वैशाख पूर्णिमा का रख रहे हैं, तो पूजा के दौरान वैशाख पूर्णिमा व्रत का पाठ जरूर करें। इससे पूजा पूर्ण होती है। आइए पढ़ते हैं व्रत कथा।
वैशाख पूर्णिमा व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, धनेश्वर नाम का एक अमीर इंसान था। उसकी कोई संतान न होने की वजह से दुखी रहता था। एक बार उसकी एक योगी से मुलाकात हुई। उसने धनेश्वर को वैशाख माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को व्रत करने की राय दी। इसके बाद धनेश्वर ने पूर्णिमा व्रत किया और श्री हरि के संग मां लक्ष्मी की पूजा की। इस व्रत के पुण्य से कुछ दिनों के बाद उसकी पत्नी गर्भवती हुई, जिसे एक पुत्र की प्राप्ति हुई। तभी से वैशाख पूर्णिमा व्रत करने की शुरुआत हुई।
वैशाख पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 22 मई को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर होगी और वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 23 मई को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में वैशाख पूर्णिमा व्रत 23 मई को किया जाएगा।
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