अक्षय तृतीया पर करें महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ, देखें क्या होगा लाभ

Update: 2024-05-07 01:40 GMT
नई दिल्ली : सनातन धर्म में अक्षय तृतीया के पर्व का अधिक महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि के दिन अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस बार अक्षय तृतीया 10 मई को है। इस खास अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही स्नान-दान, तप भी किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अगर आप भी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो अक्षय तृतीया पर सच्चे मन से महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ जरूर करें। मान्यता है कि इससे कभी पैसों की कमी नहीं रहेगी। साथ ही सुख और शांति की प्राप्ति होगी।
।।महालक्ष्मी स्तोत्र।।
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम।
द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।
त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।
पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जाप
1. ऊँ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्॥
2. ऊँ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नम:॥
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