रवि प्रदोष व्रत 2024: 15 सितंबर को रखा जाएगा रवि प्रदोष व्रत, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
रवि प्रदोष व्रत 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार 15 सितंबर, दिन रविवार को रवि प्रदोष व्रत रखा जाएगा. हर माह में प्रदोष व्रत दो बार दो बार आता है. एक शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि. इस व्रत का नाम उस दिन के अनुसार रखा जाता है, जिस दिन यह पड़ता है. जैसे, सोमवार को सोम प्रदोष, मंगलवार को भौम प्रदोष और रविवार को रवि प्रदोष कहा जाता है|
प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद का समय होता है और इसे पूजा के लिए शुभ माना जाता है. व्रती इस दिन भगवान शिव कोगंगाजल, अक्षत और धूप-दीप अर्पित करके पूजा करते हैं.| बेलपत्र,
रवि प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त
रवि प्रदोष व्रत की तिथि 15 सितंबर 2024 को है. त्रयोदशी तिथि का आरंभ 15 सितंबर को शाम 6:12 बजे होगा और इसका समापन 16 सितंबर को दोपहर 3:10 बजे होगा. पूजा का शुभ मुहूर्त 15 सितंबर को शाम 6:26 से रात 8:46 बजे तक है. इस समय भगवान शिव की पूजा करना विशेष फलदायक माना जाता है|
रवि प्रदोष व्रत का महत्व
रवि प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान शिव और सूर्य देव दोनों की कृपा दिलाने वाला व्रत माना जाता है. रविवार सूर्य देव को समर्पित होता है और इस दिन प्रदोष व्रत रखने से सूर्य से संबंधित दोषों का निवारण होता है. जो लोग स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से परेशान हैं, उनके लिए यह व्रत अत्यधिक लाभकारी होता है. कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर इस व्रत से उसका प्रभाव मजबूत होता है और जीवन में उन्नति के अवसर बढ़ते हैं|
मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का प्रवेश होता है. इस व्रत से दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है और परिवार में शांति बनी रहती है. प्रदोष व्रत रखने वाले व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और उसे जीवन में कई सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है|