रवि प्रदोष व्रत, यहां जानें डेट मुहूर्त और अन्य डिटेल

Update: 2024-04-26 07:42 GMT
ज्योतिष न्यूज़  : हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत को खास माना गया है जो कि भगवान शिव की पूजा आराधना को समर्पित होता है इस दिन भक्त भगवान शिव की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन शिव साधना उत्तम फल प्रदान करती है और जीवन के दुखों व कष्टों का अंत कर देती है।
 प्रदोष व्रत हर माह में आता है जो कि शिव पार्वती की पूजा अर्चना को समर्पित होता है माना जाता है कि इस दिन विधिवत पूजा पाठ और व्रत करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है पंचांग के अनुसार अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाला प्रदोष व्रत 5 मई दिन रविवार को मनाया जाएगा। रविवार के दिन प्रदोष व्रत होने के कारण ही इसे रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है तो आज हम आपको इससे जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 रवि प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार 5 मई दिन रविवार को शाम 5 बजकर 41 मिनट से वैशाख माहस के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ होने जा रहा है और यह अगले दिन यानी 6 मई दिन सोमवार को दोपहर 2 बजकर 40 मिनट तक रहेगी। ऐसे में इस बार प्रदोष व्रत व पूजन 5 मई दिन रविवार को किया जाएगा।
 प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करना उत्तम माना जाता है मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल में शिव आराधना करने से भक्तों को प्रभु का आशीर्वाद मिलता है इस दिन भक्त भगवान का अभिषेक भी जरूर करें। प्रदोष काल सूर्यास्त के 1 घंटे पहले से लेकर एक घंटे के बाद का समय होता है।
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