Ramjanma Yogi: मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी के बाबा विश्वनाथ मंदिर के दर्शन किए और गंगा आरती का हिस्सा बने
Ramjanma Yogi: मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी के बाबा विश्वनाथ मंदिर के दर्शन किए और गंगा आरती का हिस्सा बने. इस दौरान रामजन्म योगी ने शंखनाद किया और 2 मिनट 40 सेकेंड तक लगातार शंख बजा कर कार्यक्रम की सुर्खियां बटोर लीं. हिंदू धर्म शास्त्रों में पूजा-पाठ के दौरान शंख बजाने का विशेष महत्व बताया गया है. किसी भी धार्मिक कार्य की शुरुआत शंख बजाकर करना शुभ माना गया है. ऐसा ही कुछ देखने को मिला, मंगलवार को वाराणसी में बाबा विश्वानाथ मंदिर में. दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी के मंदिर पहुंचे थे. जहां वे गंगा आरती का हिस्सा भी बने थे. लेकिन इस पूरे कार्यक्रम में रामजन्म योगी अपने शंख बजाने की कला को लेकर सारी सुर्खियां बटोर ले गए. baba vishwanath
बता दें कि उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सांसद और प्रधानमंत्री योगी मंगलवार को Varanasi पहुंचे थे. यहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए और बाद में गंगा आरती में शामिल हुए. गंगा आरती में शंख बजाने वाले रामजन्म योगी की इस समय जमकर चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया पर भी इनकी शंख बजाने की वीडियों को खूब पसंद किया जा रहा है. दरअसल, गंगा आरती में रामजन्म योगी ने लगातार 2 मिनट 40 सेकेंड तक शंख बजाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. गंगा आरती का शंखनाद करने वाले रामजन्म योगी काशी के रहने वाले हैं और अद्भुत कला के धनी हैं. उन्हें सिर्फ 10-20 मिनट ही नहीं , बल्कि आधा घंटे लगातार शंख बजाने की महारत हासिल है. राजन्म योगी 8 साल की उम्र से ही कुछ अलग करना चाहते थे और तभी से उन्होंने शंख बजाने की क्रिया शुरू कर दी थी. शंख बजाने के फायदे
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूजा के समय शंख बजाने से आसपास का वातावरण शुद्ध होता है. - शंख की ध्वनि व्यक्ति को पूजा-पाठ के लिए प्रेरित करती है. ऐसा माना जाता है कि शंख बजाने से व्यक्ति की मनचाही इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. - रोजाना पूजा के दौरान अगर शंख बजाया जाए, तो व्यक्ति के मन में Positive विचारों का प्रवाह बढ़ता है. ऐसी मान्यता है कि शंख में मां लक्ष्मी का वास होता है. वहीं, धार्मिक मान्यता ऐसी भी है शंख को मां लक्ष्मी का भाई भी बताया जाता है. - ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्री हरि की पूजा में शंख का इस्तेमाल शुभ माना गया है. वहीं, भगवान शिव की पूजा शंख का इस्तेमाल मना होता है.
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