पितृ पक्ष के दौरान इन चीजों की खरीदारी पैदा करती है त्रिदोष

Update: 2023-09-25 10:41 GMT
सनातन धर्म में साल के 15 दिन पूर्वजों को समर्पित होते हैं इस दौरान लोग अपने पितरों को याद कर उनका श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करते हैं साल के इन 15 दिनों को पितृपक्ष के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान पूर्वज स्वर्ग लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध तर्पण और पिंडदान को प्राप्त कर उन्हें सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते है।
 इस साल पितृपक्ष 29 सितंबर से लग रहा है। इस अवधि में कुछ चीजों की खरीदारी करना मना होता है। मान्यता है कि अगर इन चीजों को खरीदा जाए तो त्रिदोष पैदा होता है जिसके कारण व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ती है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि पितृपक्ष के दिनों में किन चीजों को नहीं खरीदना चाहिए।
 पितृपक्ष में भूलकर भी ना खरीदें ये चीजें—
पूर्वजों को समर्पित 15 दिन यानी पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी सरसों तेल की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। सरसों तेल का संबंध शनि से होता है। ऐसे में अगर इस दौरान सरसों तेल की खरीदारी की जाए तो शनि के अशुभ प्रभाव को झेलना पड़ता है साथ ही जीवन में सफलता के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है।
 मान्यताओं के अनुसार झाड़ू माता लक्ष्मी का प्रतीक होता हैं ऐसे में पितृपक्ष के दिनों में झाड़ू खरीदने से धन हानि हो सकती है क्योंकि पितृपक्ष के दिनों को शुभ नहीं माना जाता है ऐसा करने से लक्ष्मी भी नाराज़ हो जाती है। नमक को तीक्ष्ण वस्तु माना गया है। ऐसे में भूलकर भी पितृपक्ष के दिनों में इसकी खरीदारी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इन चीजों को खरीदने से त्रिदोष लगता है जो जीवन में मृत्यु, दुर्घटना और अन्य परेशानियों को बढ़ाता है।
 
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