रूस-यूक्रेन युद्ध पर दहलाने वाली भविष्यवाणी: भारत पर क्या होगा असर? ज्योतिष के अनुसार होगा ये...
नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र में राहु को पापी ग्रह माना गया है. इसकी स्थिति में बदलाव कई बड़े परिवर्तन लाता है. आने वाले 17 मार्च 2022 को राहु मेष राशि में प्रवेश करने जा रहा है. 18 महीने बाद राहु का राशि परिवर्तन करना पूरी दुनिया के लिए बड़े बदलाव को लेकर आएगा. जाहिर है इससे भारत भी अछूता नहीं रहेगा. मार्च 2022 में होने जा रहे इस राहु गोचर का असर देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था और आम जनजीवन तक पर होगा.
हमेशा उल्टी चाल चलते हैं राहु
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक राहु और केतु ग्रह हमेशा उल्टी चाल चलते हैं. वे 18 महीने में राशि बदलते हैं. आगामी 17 मार्च को राहु वृषभ राशि से निकलकर इससे पिछली राशि मेष में प्रवेश करेंगे जहां वह अगले करीब डेढ़ साल तक रहेंगे. राहु के मेष राशि में प्रवेश के समय की कुंडली का आंकलन करें तो मकर राशि में शनि, मंगल और शुक्र 3 ग्रहों की युति बन रही है, जो कि पूरी दुनिया में बड़ी उथल-पुथल की आशंका पैदा कर रही है, जिसका असर भारत पर भी दिखेगा.
खाने-पीने की चीजों का होगा संकट
ज्योतिष के अनुसार मेष राशि में राहु का आना खाने-पीने की चीजों का संकट लाता है. लिहाजा मेष राशि में राहु के प्रवेश करते ही चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध का भारत की अर्थव्यस्था पर बुरा असर दिखने लगेगा. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ाएगी, इससे आम आदमी को बड़ी मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं.
चूंकि यूक्रेन और रूस दुनिया के बड़े गेहूं उत्पादक देश हैं और ये दोनों देश जंग के मैदान में हैं. यह स्थिति अनाज की कीमतें बढ़ाएगी, जो कई देशों में खाद्य संकट पैदा कर सकती है. साथ ही राहु का गोचर भारत में बमौसम की बारिश कराएगा जो खेतों में तैयार खड़ी फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है.
स्टॉक मार्केट पर भी होगा असर
अप्रैल में मेष राशि से एकादश भाव में कुंभ राशि में शनि-मंगल की युति और जून में मेष राशि में राहु-मंगल की युति स्टॉक मार्केट में जमकर उतार-चढ़ाव ला सकती है. इस समय में बहुत सोच-समझकर ही निवेश करना चाहिए.
मचेगा राजनीतिक घमासान
राहु का गोचर भारत की राजनीति में भी घमासान मचा सकता है. अप्रैल से सितंबर के बीच बड़ा राजनीतिक उथल-पुथल ला सकता है. बड़े नेताओं-अधिकारियों से जुड़ी अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं. इसके अलावा प्रकृति आपदा जैसे बाढ़-भूस्खलन आने की भी आशंका है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है.)