Pradosh Vrat : प्रदोष पर किया गया ये उपाय समस्याएं होंगी दूर

Update: 2024-06-17 13:27 GMT
Pradosh Vrat ज्योतिष न्यूज़  : हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है जो कि महादेव की साधना आराधना को समर्पित होता है। इस ​पावन दिन पर संध्याकाल में भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता ह
मान्यता है कि ऐसा करने से सभी संकटों व विपत्तियों का नाश हो जाता है। इस बार प्रदोष व्रत 19 जून को मनाया जाएगा। प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान भगवान शिव के चमत्कारी मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि इससे जातक का जीवन सदैव खुशहाल रहता है और बड़े से बड़ा संकट भी दूर हो जाता है साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं महादेव के चमत्कारी मंत्र।
प्रदोष व्रत के मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव स्तुति मंत्र
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि। उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
श‍िव नामावली मंत्र
।। श्री शिवाय नम:।।
।। श्री शंकराय नम:।।
।। श्री महेश्वराय नम:।।
।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
।। श्री रुद्राय नम:।।
।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।
शिव प्रार्थना मंत्र
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं । विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥
शिव गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा। आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

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