Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस व्रत से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा भगवान शिव की कृपा से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. विवाह योग्य कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है.
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि 31 अगस्त दिन शनिवार को सुबह 2 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और 1 सितंबर दिन रविवार को सुबह 3 बजकर 41 मिनट तक त्रयोदशी तिथि रहेगी. उदयातिथि के अनुसार, भाद्रपद माह का पहला शनि प्रदोष व्रत 31 अगस्त दिन शनिवार को ही रखा जाएगा.
शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जा रहा है. शनि प्रदोष व्रत के दिन शाम में 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 44 मिनट तक पूजा के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त है. इस दौरान प्रदोष व्रत की पूजा करना सबसे अधिक फलदायी होगा. लेकिन कुछ चीजों को करने से बचना चाहिए.
प्रदोष व्रत के दिन क्या करें
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करें. शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी आदि से अभिषेक करें. शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं. घी का दीपक जलाएं. प्रदोष व्रत पर पूरे दिन निराहार या फलाहार रहें. प्रदोष व्रत की कथा सुनें या पढ़ें. गरीबों को भोजन या वस्त्र दान करें. ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘ॐ पार्वती नमः’ मंत्र का जाप करें.
प्रदोष व्रत के दिन क्या न करें
प्रदोष व्रत के दिन मांस, मछली, अंडे आदि का सेवन न करें. मन में नकारात्मक विचार न लाएं और झूठ बोलने से बचें. किसी को दुख या तकलीफ न पहुंचाएं.
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए उपाय
पति-पत्नी मिलकर शिव-पार्वती की पूजा करें और दोनों साथ मिलकर व्रत रखें. एक-दूसरे को कोई छोटा सा उपहार दें और एक-दूसरे का सम्मान करें. वैवाहिक सुख के लिए माता पार्वती की तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं.
प्रदोष व्रत का महत्व
अगर आप सच्चे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी. प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. वैवाहिक जीवन सुखी बनाने के लिए पति-पत्नी का आपसी सहयोग बहुत जरूरी होता है. प्रदोष व्रत को करने से आपका वैवाहिक जीवन सुखमय होगा और आपका परिवार हमेशा खुश रहेगा. इसके अलावा कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है.