ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन स्कंद षष्ठी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाई जाती है इस दिन भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की पूजा आराधना का विधान होता है
वैशाख माह की स्कंद षष्ठी आज यानी 13 मई दिन सोमवार को मनाई जा रही है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी माना जाता है मान्यता है कि स्कंद षष्ठी के दिन अगर विधि विधान से भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाए तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और दुख दूर हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप सुख सौभाग्य में वृद्धि चाहते हैं तो आज स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा के दौरान उनकी प्रिय आरती का पाठ जरूर करें ऐसा करने से लाभ मिलता है।
श्री कार्तिकेय स्तोत्र
योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः।
स्कंदः कुमारः सेनानी स्वामी शंकरसंभवः॥
गांगेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः।
तारकारिरुमापुत्रः क्रोधारिश्च षडाननः॥
शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः।
सनत्कुमारो भगवान् भोगमोक्षफलप्रदः॥
शरजन्मा गणाधीशः पूर्वजो मुक्तिमार्गकृत्।
सर्वागमप्रणेता च वांछितार्थप्रदर्शनः ॥
अष्टाविंशतिनामानि मदीयानीति यः पठेत्।
प्रत्यूषं श्रद्धया युक्तो मूको वाचस्पतिर्भवेत् ॥
महामंत्रमयानीति मम नामानुकीर्तनात्।
महाप्रज्ञामवाप्नोति नात्र कार्या विचारणा ॥
श्री कार्तिकेय आरती
जय जय आरती वेणु गोपाला
वेणु गोपाला वेणु लोला
पाप विदुरा नवनीत चोरा
जय जय आरती वेंकटरमणा
वेंकटरमणा संकटहरणा
सीता राम राधे श्याम
जय जय आरती गौरी मनोहर
गौरी मनोहर भवानी शंकर
सदाशिव उमा महेश्वर
जय जय आरती राज राजेश्वरि
राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि
महा सरस्वती महा लक्ष्मी
महा काली महा लक्ष्मी
जय जय आरती आन्जनेय
आन्जनेय हनुमन्ता
जय जय आरति दत्तात्रेय
दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार
जय जय आरती सिद्धि विनायक
सिद्धि विनायक श्री गणेश
जय जय आरती सुब्रह्मण्य
सुब्रह्मण्य कार्तिकेय।