कार्तिक मास में करें मां यमुना की आरती, आपकी हर मनोकामना होगी पूरी

कार्तिक मास का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस महीने को कामानापूर्ति के माह के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने में कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं, जिनमें अलग-अलग देवी देवताओं के पूजन का विधान है।

Update: 2021-10-22 04:02 GMT

कार्तिक मास का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस महीने को कामानापूर्ति के माह के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने में कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं, जिनमें अलग-अलग देवी देवताओं के पूजन का विधान है। इस माह में विशेष रूप से भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी के साथ तुलसी और यमुना मां के पूजन का भी विधान है। कार्तिक के पूरे माह में विशेष रूप से यमुना स्नान किया जाता है। यमुना के किनारे बसीं कई प्रसिद्ध धार्मिक नगरियों में कार्तिक के मेले का भी आयोजन किया जाता है। मथुरा, वृंदावन,प्रयागराज में कार्तिक के पूरे महीने विशेष रूप से मां यमुना का पूजन-अर्चन किया जाता है।

कार्तिक महीने में शाम के समय यमुना नदी में दीपदान करने और मां यमुना की आरती करने का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां यमुना के भाई यमराज अकाल मृत्यु से मुक्ति प्रदान करते हैं और रोगों का नाश होता है। इसके साथ ही विष्णुपत्नि मां यमुना का कार्तिक माह में पूजन सुख और सौभाग्य प्रदान करता है....
श्री यमुना माता जी की आरती
ॐ जय यमुना माता, हरि जय यमुना माता
जो नहावे फल पावे सुख दुःख की दाता
ॐ जय यमुना माता
पावन श्रीयमुना जल अगम बहै धारा,
जो जन शरण में आया कर दिया निस्तारा
ॐ जय यमुना माता
जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे
ॐ जय यमुना माता
कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारो वेद कही
ॐ जय यमुना माता
आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो
ॐ जय यमुना माता
नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी
मन बेचैन भया हैं तुम बिन वैतरणी
ॐ जय यमुना माता।।


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