Paush month : पौष माह में जानें इस माह से जुड़े नियम
Paush month : सनातन धर्म में वैसे तो हर महीने को महत्वपूर्ण बताया गया है लेकिन पौष मास बेहद ही खास माना जाता है जो पंचांग का 10वां महीना होता है इस माह की शुरुआत मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अगले दिन से हो जाती है। पौष माह को पूस के नाम से भी जाना जाता है …
Paush month : सनातन धर्म में वैसे तो हर महीने को महत्वपूर्ण बताया गया है लेकिन पौष मास बेहद ही खास माना जाता है जो पंचांग का 10वां महीना होता है इस माह की शुरुआत मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अगले दिन से हो जाती है। पौष माह को पूस के नाम से भी जाना जाता है इस दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों को करना वर्जित माना गया है।
लेकिन तप जप, दान पुण्य व पूजा पाठ के लिए यह महीना उत्तम होता है। मान्यता है कि इस माह में पूजा पाठ करने से धन में वृद्धि होती है और तरक्की मिलती है। पौष माह का आरंभ इस साल 27 दिसंबर से होने जा रहा हैं ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पौष माह से जुड़े नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
पौष माह से जुड़े जरूरी नियम—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौष माह में रोजाना सूर्यदेव की पूजा करना शुभ माना जाता है इस महीने सुबह स्नान आदि के बाद तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल पुष्प डालकर भगवान को जल अर्पित करें साथ ही उनके मंत्रों का जाप भी करें। इस माह में लाल और पीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए ऐसा करने से भाग्य में वृद्धि होती है इसके अलावा कपूर की धूप या सुगंध लेने से स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है।
पौष के महीने में अधिक तला भोजन करने से बचना चाहिए। इस महीने में मेवा आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए इसकी जगह आप गुड़, लौंग, अजवाइन खाना सेहत के लिए बेहतर माना जाता है। पौष मास में वाद विवाद या झगड़ा नहीं करना चाहिए इस महीने मन में बुरे विचार नहीं उत्पन्न होने देना चाहिए ना ही किसी को अपशब्दा कहना चाहिए। इस पावन महीने में अगर गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न, धन व वस्त्रों का दान किया जाए तो देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
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