इस दिन पड़ रहा है सोम प्रदोष व्रत, जानें पूजा मुहूर्त और महत्व

प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) हर महीने एकादशी की तरह हर महीने में दो बार रखा जाता है.

Update: 2021-06-01 02:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) हर महीने एकादशी की तरह हर महीने में दो बार रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा- अर्चना की आती है. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. पंचांग के मुताबिक हर महीने त्रयोदशी के दिन रखा जाता है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. साल में 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं. आइए जानते हैं ज्येष्ठ महीने में किस दिन प्रदोष व्रत पड़ रहा है.

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को 07 जून को सुबह 08 बजकर 48 मिनट पर हो रहा है और समाप्त उसी रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगा. सोम प्रदोष व्रत के पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 17 मिनट से 09 बजकर 18 मिनट तक होगा.
इस बार प्रदोष व्रत 7 जून को है और उस दिन सोमवार पड़ रहा है, इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) कहते हैं. सोमवार दिन होने की वजह से इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है. सोमवार का दिन भगवान शिव की समर्पित होता है. इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा अर्चना पूरे मन से करते हैं.
प्रदोष व्रत महत्व
प्रदोष व्रत की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा का बुरा प्रभाव हो उन्हें निष्ठा और नियम पूर्वक व्रत रखना चाहिए. इसके अलावा ये व्रत संतान प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
पूजा विधि
सोम प्रदोष व्रत के दिन व्यक्ति को सुबह- सुबह स्नान करने के बाद व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की विधि- विधान से पूजा अर्चना करना चाहिए. सुहागिन महिलाएं माता पार्वती श्रृंगार की चीजें भगवान शिव को चढ़ाती है. इस दिन फलाहार व्रत रखना चाहिए. प्रदोष व्रत की पूजा शाम को करना चाहिए.
क्या खाएं क्या नहीं
प्रदोष व्रत के दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा पूरे दिन फलाहार रख जाता है. आप चाहें तो हरी मूंग का सेवन कर सकते है. व्रत के दौरान नमक वाली चीजों का सेवन न करें.


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