Jagannath Rath Yatra Prasad : क्यों मिट्टी के बर्तनों में तैयार किया जाता है महाप्रसाद
Jagannath Rath Yatra Prasad : दुनिया भर में प्रसिद्ध 'जगन्नाथ रथ यात्रा 2024' प्रारंभ हुई है मोक्षदायिनी इस पूजा में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आए हैं।आज सुबह पूरे विधि-विधान से यात्रा प्रारंभ हुई है इस पूजा में खास महाप्रसाद बनता है, जिसका खासा महत्व है। महाप्रसाद को विशेष तरह से बनाया जाता है। मालूम हो कि विश्वप्रसिद्ध 'जगन्नाथ रथयात्रा' में हर रोज भगवान को 56 तरह का भोग लगता है, जिसे कि बेहद ही पारंपरिक ढंग से बनाया जाता है।
भगवान को 6 बार भोग लगता है, ये प्रसाद एक खास रसोई में तैयार किया जाता है, जिसमें 500 रसोईए और 300 हेल्पर काम करते हैं। प्रसाद मिट्टी के 9 बर्तनों में चूल्हे से लकड़ी पर बनता है। सबसे नीचे वाले बर्तन में भोजन पकता है और सबसे ऊपर में प्रसाद बनता है।स्टील के बर्तन का प्रयोग प्रसाद में नहीं होता है, मिट्टी के बर्तन इकोफ्रेंडली होते हैं और एक बार प्रयोग करके मिट्टी में गाड़ दिए जाते हैं। मिट्टी के बर्तन का रंग लाल हो जाता है, जो कि शुभता का प्रतीक माना जाता है। मंदिर की रसोई के अंदर सभी 240 चूल्हे हैं जो कि पारंपरिक ईंट से बने हुए हैं।