Sarva Pitru Amavasya ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है मान्यता है कि अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। सभी अमावस्या तिथियों में सर्वपितृ अमावस्या का खास महत्व होता है इस दिन पितृपक्ष का समापन हो जाता है।
गरुड़ पुराण के अुनसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृ धरती पर आते हैं और सर्वपितृ अमावस्या तिथि पर पितर पृथ्वी लोक से विदा हो जाते हैं। इस अवसर पर पितरों की विशेष पूजा का विधान होता है साथ ही अंतिम तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि इस बार सर्वपितृ अमावस्या कब मनाई जाएगी इसकी तारीख और समय क्या है।
सर्व पितृ अमावस्या की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की अमावस्या तिथि का आरंभ 1 अक्टूबर को रात 9 बजकर 39 मिनट से हो रहा है और 3 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों का तर्पण और पिंडदान करना उत्तम माना जाता है।
ऐसे में इस दिन श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक है। इसके बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान जरूर करें मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और दुख परेशानियों को दूर कर देते हैं। इस साल सर्वपितृ अमावस्या 1 अक्टूबर को मनाई जाएगी।