धर्म अध्यात्म: हर साल विघ्नहर्ता गजानन का वर्ष में एक बार आने वाला गणेश चतुर्थी का त्योहार अब नजदीक है. जो हर साल की तरह इस साल भी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन यानि 19 सितंबर को पूरे देशभर में मनाया जाएगा. ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन ही श्री गणेश का जन्म हुआ था. इसी वजह से गणेश चतुर्थी के दिन घर-घर में बुद्धि के देवता गणपति विराजते हैं. श्रद्धा और मान्यता के अनुसार लोग तरह-तरह के गणपति अपने घर 9 दिन की स्थापना और पूजन के लिए लाते हैं. कोई मिट्टी के गणेश तो कोई अन्य धातुओं के तो कोई सोने – चांदी के गणेश घर पर लाते हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है इन सभी गणपति के अलावा भी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक खास प्रकार के धातु के गणेश घर पर विराजित करना सबसे ज्यादा फलदाई रहता है.
कर्मकांड ज्योतिषी और भागवत आचार्य पंडित रमेश चंद्र शास्त्री बताते हैं कि वास्तव में ही श्री गणेश एक वैदिक देवता है. वेदों में जिन-जिन देवताओं का नाम लिया गया है उन सभी में गणेश ही सर्वप्रथम पूजनीय है. वेदों में भी एक मंत्र के उच्चारण से दर्शाया गया है कि गणेश तुम ही ब्रह्मा हो, तुमि विष्णु हों और तुम ही रूद्र हो. समस्त गणों में गणपति और समस्त गणों में सर्वप्रथम पूजे जाने वाले गणपति ही है.
शास्त्री ने बताया कि गणेश चतुर्थी के गणपति की स्थापना और पुष्प, बेलपत्र और लड्डू से श्री गणेश का पूजन करना बहुत ही शुभदाई रहता है. उन्होंने बताया कि इस बार जो गणेश चतुर्थी का त्यौहार आ रहा है. वह भोमवार यानी मंगलवार को है. जो बहुत ही शुभदाई रहने वाली है. इस दिन जो भी व्यक्ति मन प्रसन्न, पवित्र और गणेश जी के प्रति अनन्य श्रद्धाभाव से पूजन करता है तो गणेश का यह पूजन बहुत ही अच्छा रहने वाला है.
शास्त्री ने बताया कि वैसे तो अनंत चतुर्थी तक लोग श्री गणेश की स्थापना करते हैं परंतु ऐसा संभव न हो तो गणेश चतुर्थी के दिन ही गणेश का पूजन करके आप उनसे प्रार्थना कर सकते हैं. क्योंकि श्री गणेश ही सारी मनोकामनाओं को सिद्ध करने वाले भगवान श्री गणेश है और साक्षात परमात्मा के स्वरूप है. इसीलिए गणेश की पूजा सर्वप्रथम है क्योंकि वह बुद्धि, रिद्धि सिद्धि और आनंद के देवता है, जो की अत्यंत कल्याणकारी है.
शास्त्री के मुताबिक वैसे तो कण – कण में परमात्मा हैं और किसी भी धातु की गणेश की मूर्ति मंगलकारी और फलदाई है. परंतु श्री गणेश को समर्पित बार बुधवार. जिसका रंग भी हरा है. शास्त्री का कहना है कि इसलिए ज्योतिष शास्त्र में पन्ना का गणेश जी बनना और पन्ना धातु के गणेश जी घर की पूजा करना अत्यंत ही फलदाई और मनोकामना को सिद्ध करने वाले रहते हैं.