Ashadh Amavasya पर इस विधि से करें पितरों का तर्पण

Update: 2024-07-05 06:48 GMT
Ashadh Amavasya ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या को खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है पंचांग के अनुसार अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है मान्यता है कि ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है
इस बार आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई दिन शुक्रवार यानी की आज मनाई जा रही है इस तिथि के देवता पितरों को माना गया है ऐसे में आज के दिन
पितरों का श्राद्ध, तर्पण
और पिंडदान अगर विधिवत तरीके से किया जाए तो पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं और जीवन में खुशहाली व तरक्की आती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पितृ तर्पण की संपूर्ण विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
अमावस्या पर ऐसे करें पितरों का तर्पण—
पितृपक्ष या किसी भी अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण जरूर करना चाहिए। तर्पण के लिए कुश, अक्षत, जौ और काला तिल का उपयोग करें। इसके बाद उनके प्रार्थना मंत्र का जाप करें फिर उनका आशीर्वाद लेते हुए प्रार्थना करें। तर्पण के दौरान पूर्व दिशा की ओर मुख करना चाहिए। फिर जौ और कुश से ऋषियों के लिए तर्पण करें। इसके बाद उत्तर दिशा की ओर मुख करके जौ और कुश से मानव तर्पण करना चाहिए। अंत में दक्षिण दिशा की ओर मुख करके काले तिल और कुश से पितरों का तर्पण करें। इसके साथ ही भूल चूक के लिए क्षमा भी जरूर मांग लें।
पितृ प्रार्थना और पूजा मंत्र—
1. पितृभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
पितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
प्रपितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
सर्व पितृभ्यो श्र्द्ध्या नमो नम:।।
2. ॐ नमो व :पितरो रसाय नमो व:
पितर: शोषाय नमो व:
पितरो जीवाय नमो व:
पीतर: स्वधायै नमो व:
पितर: पितरो नमो वो
गृहान्न: पितरो दत्त:सत्तो व:।।
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