गुप्त नवरात्रि में जरूर करें इन मंत्रों जाप
हिंदू पंचांग के अनुसार एक वर्ष में कुल मिलाकर चार बार नवरात्रि आती हैं। जिनमें से दो प्रत्यक्ष नवरात्रि होता है। जो कि चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्र हैं, जिनके बारे में सभी लोग जानते ही हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार एक वर्ष में कुल मिलाकर चार बार नवरात्रि आती हैं। जिनमें से दो प्रत्यक्ष नवरात्रि होता है। जो कि चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्र हैं, जिनके बारे में सभी लोग जानते ही हैं। जबकि दो बार गुप्त नवरात्रि आती हैं। साल में दो बार आने वाले नवरात्रि में से एक माघ माह में आने वाली गुप्त नवरात्रि हैं। इस बार माघ माह की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 2 फरवरी से हो रही है। जिसका समापन 11 फरवरी होगा। प्रत्यक्ष नवरात्रि में मां के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है, जबकि वहीं गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्या की साधना की जाती है। ऐसे में आज हम आपको गुप्त नवरात्रि की दस महाविद्याओं और उन देवियों के मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं।
दस महाविद्याओं के लिए पूजा मंत्र:-
1. देवी काली:-
मंत्र – 'ॐ क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहाः'
2. तारा देवी:-
मंत्र- 'ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट'
3. त्रिपुर सुंदरी देवी:-
मंत्र – 'ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः'
4. देवी भुवनेश्वरी:-
मंत्र – 'ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नमः'
5. देवी छिन्नमस्ता:-
मंत्र- 'श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट स्वाहा:'
6. त्रिपुर भैरवी देवी:-
मंत्र- 'ॐ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा:'
7. धूमावती माता:-
मंत्र- 'ॐ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:'
8. बगलामुखी माता:-
मंत्र – 'ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नम:'
9. मातंगी देवी:-
मंत्र- 'ॐ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा:'
10. देवी कमला:-
मंत्र- 'ॐ हसौ: जगत प्रसुत्तयै स्वाहा:'