Jyeshtha Purnima पर इन उपायों से प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी

Update: 2024-06-22 11:43 GMT
Jyeshtha Purnima ज्योतिष न्यूज़  : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को खास बताया गया है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी ज्येष्ठ माह चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है जो कि आज यानी 22 जून दिन शनिवार को मनाई जा रही है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही उत्तम मानी गई है
 इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की एक साथ आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और परेशानियां दूर हो जाती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के समय अगर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करके भगवान के प्रिय श्री हरि स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो जीवन के दुख संकट दूर हो जाते हैं साथ ही लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है।
 यहां पढ़ें श्री हरि स्तोत्र—
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं
शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं
नभोनीलकायं दुरावारमायं
सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ॥
सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं
जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं
हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ॥
रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं
जलान्तर्विहारं धराभारहारं
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं
ध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ॥
जराजन्महीनं परानन्दपीनं
समाधानलीनं सदैवानवीनं
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं
त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं ॥
कृताम्नायगानं खगाधीशयानं
विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानं
स्वभक्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलं
निरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहं ॥
समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशं
जगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहं
सुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं ॥
 सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं
गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठं
सदा युद्धधीरं महावीरवीरं
महाम्भोधितीरं भजेऽहं भजेऽहं ॥
रमावामभागं तलानग्रनागं
कृताधीनयागं गतारागरागं
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतं
गुणौधैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं ॥
फलश्रुति
इदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं
पठेदष्टकं कण्ठहारम् मुरारे:
स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकं
जराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो ॥
 
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