22 या 23 मई जाने कौन से दिन मनाया जाएगा मोहिनी एकादशी

माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है

Update: 2021-05-21 05:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों से अमृत कलश लेने के लिए मोहिनी का रूप धरा था। इस बार मोहिनी एकादशी को लेकर थोड़ी कंफ्यूजन है। कुछ लोग इसे 22 मई को मना रहे हैं तो कुछ लोग 23 मई को मना रहे हैं। इस दिन लोग भगवान विष्णु का व्रत रखते हैं। कहते हैं कि एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। दरअसल एकादशी तिथि का मतलब है ग्याहवीं तिथि।

इस बार मोहिनी एकादशी 22 मई को सुबह 9.30 बजे शुरू हो रही है। ऐसे में कुछ लोग 22 मई को व्रत रख रहे हैं। एकादशी तिथि अगले दिन 23 मई को सुबह करीब 6.40 तक रहेगी। इसलिए सूर्योदय की तिथि होने के कारण कुछ लोग 23 मई को व्रत रख रहे हैं। ऐसे में इस तिथि के कारण दो दिन एकादशी व्रत किया जा रहा है।
क्यों कहा जाता है मोहिनी एकादशी
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि स्कंद पुराण के वैष्णवखंड अनुसार इस दिन समुद्र मंथन से अमृत प्रकट हुआ था। इसके दूसरे दिन यानी द्वादशी को भगवान विष्णु ने उसकी रक्षा के लिए मोहिनी रूप धारण किया था। त्रयोदशी तिथि को भगवान विष्णु ने देवताओं को अमृतपान करवाया था। इसके बाद चतुर्दशी तिथि को देव विरोधी दैत्यों का संहार किया और पूर्णिमा के दिन समस्त देवताओं को उनका साम्राज्य प्राप्त हुआ था।


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