Mehandipur Balaji : मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में भूत भगाने के लिए डाला जाता हैं खौलता हुआ पानी
राजस्थान न्यूज :प्राचीन ग्रंथों में वर्णित सात करोड़ मंत्रों में श्री हनुमान जी की आराधना का विशेष उल्लेख मिलता है। श्री राम भक्त, रूद्र अवतार सूर्य-शिष्य, वायु-पुत्र, केसरी नंदन, श्री बालाजी के नाम से प्रसिद्ध श्री हनुमान की पूजा पूरे भारत में की जाती है। माता अंजनी के गर्भ से प्रकट हनुमान जी में पांच देवताओं का तेज समाहित है। उनमें से एक मेहंदीपुर बालाजी की भी पूजा की जाती है और साल भर में करोड़ों भक्त यहां आते हैं।
पूरे भारत में भगवान हनुमान के लाखों मंदिर हैं। लेकिन कुछ मंदिर अपनी खासियत के लिए मशहूर होते हैं, जहां भीड़ उमड़ती है। ऐसा ही एक मंदिर है राजस्थान के दौसा जिले के मेहंदीपुर में बालाजी का चमत्कारी मंदिर। दो अत्यंत सुरम्य पहाड़ियों के बीच घाटी में स्थित होने के कारण इस मंदिर को घाटा मेहंदीपुर भी कहा जाता है। यह मंदिर करीब हजारों साल पुराना है। इस मंदिर में स्थित बजरंग बली की बाल मूर्ति किसी कलाकार द्वारा नहीं बनाई गई है बल्कि यह स्वयं निर्मित है।
बालाजी आने-जाने का रास्ता
अगर श्रद्धालु ट्रेन से आना-जाना चाहते हैं तो उन्हें दिल्ली-जयपुर रूट पर बांदीकुई रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा। शताब्दी सहित सभी प्रमुख रेलगाड़ियाँ यहाँ रुकती हैं। इसके साथ ही आगरा और मथुरा से बांदीकुई के लिए भी ट्रेन उपलब्ध है। बांदीकुई से मेंहदीपुर के बालाजी मंदिर की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है। जिसके लिए चौबीसों घंटे वाहन उपलब्ध रहते हैं।
अगर आप निजी वाहन या बस से आना चाहते हैं तो आगरा-जयपुर रोड के पास स्थित यह स्थान दिल्ली, जयपुर, मथुरा और आगरा से आसानी से पहुंचा जा सकता है। अगर लोग किराये की गाड़ी से जाना चाहते हैं तो मेहंदीपुर बालाजी से बांदीकुई रेलवे स्टेशन समेत कई जगहों के लिए गाड़ियां उपलब्ध हैं और मेहंदीपुर बालाजी पहुंचने के लिए स्टेशन समेत कई जगहों से गाड़ियां मेहंदीपुर बालाजी पहुंचती हैं। इनमें बैठकर भक्त बालाजी के दर्शन कर सकते हैं।
आवास की सुगम व्यवस्था
यहां आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सस्ते और आरामदायक आवास की व्यवस्था है। यहां आधुनिक सुविधाओं से युक्त कई धर्मशालाएं हैं। इनमें डबल बेड (अटैच्ड बाथरूम) वाला एक अच्छा कमरा पांच सौ से सात सौ रुपये तक चौबीस घंटे के लिए उपलब्ध है।
एक एसी रूम के लिए एक हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. कमरे में चाय से लेकर भोजन तक मांग के अनुसार उचित दरों पर उपलब्ध है। सुविधा के अनुसार लोग यहां एक से तीन दिन तक रुकते हैं। अगर आप आराम से सभी मंदिरों के दर्शन करना चाहते हैं तो तीन दिन रुकना उचित रहेगा। अन्यथा कोई भी व्यक्ति बालाजी, श्री राम दरबार और समाधि वाले बाबाजी के दर्शन कर एक दिन में वापस आ सकता है।