Mauni Amavasya: महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन करें ये काम, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति

Update: 2025-01-25 03:00 GMT
Mauni Amavasya: पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति वाले दिन था, जिसमें 3.5 करोड़ भक्तों ने संगम में डुबकी लगाई थी। अब दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को होना है, इस दिन मौनी अमावस्या तिथि है। मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म में अपना एक अलग स्थान है। माना जाता है कि इस दिन पितृ धरती पर आते हैं। ऐसे में अगर आपको भी पितृदोष से मुक्ति चाहिए तो महाकुंभ के दौरान ये कुछ उपाय जरूर करने चाहिए|
धार्मिक मान्यता है कि कुंभ स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे में महाकुंभ में हर व्यक्ति को आस्था की डुबकी लगाने जाने जरूर चाहिए। आइए जानते हैं कि पितृ दोष से मुक्ति के क्या उपाय हो सकते हैं|
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय-
महाकुंभ में स्नान के बाद महाकुंभ में स्नान के समय पहले सूर्यदेव को जल दें। फिर थोड़ा गंगाजल लेकर पितरों के नाम से अर्पित करें, इसके बाद आपको अपने अन्य भूले-बिसरे पितरों से क्षमायाचना भी करना चाहिए। मान्यता है कि इसे आपको पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है।
कुंभ में पितरों की आत्मा धरती पर वास करने आती है, ऐसे में उनके नाम से आपको दान-पुण्य जरूर करना चाहिए। साथ ही शाम में अपने पितरों के नाम सरसों के तेल का दिया जरूर जलाना चाहिए।
मान्यता है कि महाकुंभ में आए संतों की सेवा करने से भी पितृ खुश होते हैं और जातक को पितृ दोष से छुटकारा मिल जाता है। इसके अलावा, आप संगम तट पर अपने पितरों का श्राद्धकर्म और पिंडदान कर सकते हैं। साथ ही तिल, चावल आदि दान करना चाहिए। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
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