Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या की शाम को क्या करना चाहिए

Update: 2025-01-29 04:08 GMT
Mauni Amavasya 2025: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का खास महत्व है. इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भोलेनाथ की पूजा की जाती है. इसके साथ ही इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. जहां दिन में स्नान दान आदि कार्य करते हैं. मौनी अमावस्या पर शाम के समय भी कुछ कार्य करने व्यक्ति को ईश्वर और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है|
मौनी अमावस्या की शाम करें ये काम
मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत, पितरों तर्पण और पिंडदान करने से पित्तर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.इस साल मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान किया जाएगा. ऐसे में इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है. इसके अलावा इस दिन पितरों के लिए दीपदान करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है|
मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीपक सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में किया जाता है. इस दिन प्रदोष काल का समय शाम 5 बजकर 58 मिनट तक हैं. इस दौरान पितरों के लिए दीपक जलाना शुभ फलदायी होता है|
इस दिशा में जलाएं दीपक
मौनी अमावस्या के पर पितरों के लिए दक्षिण दिशा में दीपक जलाना चाहिए, क्योंकि इसे पित्तरों की दिशा मानी गई है. कहते हैं इस दिशा में दीपक जलाने से पित्तर प्रसन्न होते हैं|
मौनी अमावस्या पर पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए सूर्यास्त के बाद मिट्टी के दीपक को पानी से धोकर साफ कर लें. उसमें सरसों या तिल का तेल डाल लें और बाती गलाकर जलाएं. दीपक को घर के बाहर दक्षिण दिशा में रख दें. दीपक को पूरे रात जलने दें. इसके अलावा अगर घर में पितरों की तस्वीर है, तो उसके सामने भी एक दीपक जला सकते हैं|
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