वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाती है. इस साल अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है. इस दिन लोग सोना-चांदी खरीदते हैं और अन्य कीमती सामान अपने घरों में लाते हैं, ताकि अक्षय तृतीया पर अर्जित धन अक्षय बना रहे. भगवान विष्णु ने नारद जी से यह भी कहा था कि मनुष्य अक्षय तृतीया को जो भी कार्य करेगा, उसे वैसा ही फल मिलेगा, जो अक्षय रहेगा. कभी खत्म नहीं होगा. इसका वर्णन पद्म पुराण में मिलता है. आइये जानते हैं इस दिन आपको अपने राशि के अनुसाहर क्या खरीदना चाहिए.
मेष – सोना और पीतल
वृष- चांदी और स्टील
मिथुन- सोना, चांदी और पीतल
कर्क- चांदी और कपड़े
सिंह – सोना और तांबा
कन्या- सोना,चांदी और पीतल
तुला – चांदी, इलेक्ट्रॉनिक्स और फर्नीचर
वृश्चिक- सोना और पीतल
धनु- सोना और पीतल
मकर – सोना, पीतल, चांदी
कुम्भ – सोना, चांदी
मीन राशि – सोना, पीतल, पूजन सामग्री और बर्तन
ग्रहों से संबंधित दान
सूर्य- सूर्योदय के समय लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, सोना, घी और केसर का दान करना लाभकारी होता है.
चंद्रमा- शाम के समय चावल, मोती, शंख, कपूर, मिश्री आदि का दान करना चाहिए.
मंगल- सूर्यास्त से करीब डेढ़ घंटे पहले गुड़, घी, लाल वस्त्र, कस्तूरी, केसर, मसूर की दाल, मूंगा, तांबे के बर्तन आदि का दान करना उचित होता है.
बुध- कांसे के बर्तन, मूंग, हरे वस्त्र, फल आदि का दान दोपहर के बाद करना चाहिए.
गुरु- शाम के समय चने की दाल, धार्मिक पुस्तकें, पीला वस्त्र, हल्दी, केसर, पीले फल आदि का दान करना चाहिए.
शुक्र- सूर्योदय के समय चांदी, चावल, मिश्री, दूध, दही, इत्र, सफेद चंदन आदि का दान करना चाहिए.
शनि- दोपहर में लोहा, उड़द की दाल, सरसों का तेल, काले कपड़े दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
राहु- रात के समय तिल, सरसों, सात अनाज, लोहे का चाकू, छलनी, सूप, सीसा, कंबल, नीला कपड़ा आदि का दान करना लाभकारी होता है.
केतु – निशा काल में लोहा, तिल, सप्तधन, तेल, दो रंग का या गंदा कम्बल या अन्य वस्त्र, शस्त्र का दान करना चाहिए.