श्रृंगार करने वाली महिलाएं मैया रानी को है अति प्रिय

Update: 2023-03-22 15:38 GMT
हिंदू धर्म की महिलाओं के लिए 16 श्रृंगार बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. महिलाएं अगर श्रंगार न करें, तो वह अधूरी सी लगती हैं. महिलाओं को भी श्रंगार करना बहुत पसंद होता है. आपको बता दें कि वहीं जब नवरात्रि के दिनों में श्रंगार करने की बात होती है, तो अधिकतर महिलाएं संशय में पड़ जाती हैं कि उन्हें नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) में श्रंगार करना चाहिए या फिर नहीं करना चाहिए. ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि नवरात्रि में श्रंगार करना चाहिए या फिर नहीं. गौरतलब है कि माता रानी को महिलाओं का 16 श्रृंगार करना अतिप्रिय माना गया है.
नवरात्रि में श्रंगार करना चाहिए की नहीं ?
आपको बता दें कि मैय्या रानी को श्रंगार करने वाली महिलाएं अतिप्रिय मानी गयी हैं. यही वजह है कि जब महिलाएं जब अपने घर में माता रानी की स्थापना करती हैं तो वो पूरे 16 श्रृंगार करके ही मां दुर्गा (Chaitra Navratri 2023) की आराधना करती है. आपको बता दें कि ऋग्वेद में भी सोलह श्रृंगार का जिक्र किया गया है. ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा ऐसी महिलाओं से काफी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं, जो उनकी पूजा सोलह श्रृंगार करके करती हैं. आज हम आपको महिलाओं के 16 श्रृंगार के नामों के साथ-साथ इसका महत्व भी बताएंगे.
क्या होता है 16 श्रंगार?
भारतीय महिलाओं को 16 श्रंगार बहुत पसंद होता है और मान्यता है कि जो भी महिलाएं 16 श्रंगार करने के साथ ही मां कि सच्चे मन से व विधि विधान (Chaitra Navratri 2023) से पूजा करती हैं. माता उनसे प्रसन्न होकर उनपर अपनी कृपा बरसाती हैं. इसके अलावा श्रंगार का स्त्री के लुक से लेकर भाग्य पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है. बता दें कि भारतीय महिलाओं के 16 श्रृंगार में लाल जोड़ा, बिंदी, मेहंदी, सिंदूर, गजरा, काजल, मांग टीका, चूड़ियां, नथ, बाजूबंद, कानों के झुमके, पायल, अंगूठी, बिछिया, मंगलसूत्र और कमरबंद शामिल होता है.
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