पंचक के दौरान मनाई जाएगी महाशिवरात्रि, ना करे ये काम
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि होती है. ये दिन शास्त्रों में बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है. इस बार महाशिवरात्रि 11 मार्चको पड़ रही है.
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि होती है. ये दिन शास्त्रों में बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है. इस बार महाशिवरात्रि 11 मार्चको पड़ रही है. मान्यता है कि इसी दिन महादेव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए महाशिवरात्रि के दिन जो भक्त महादेव का विधि विधान से पूजन और व्रत करता है, महादेव अति शीघ्र उस पर प्रसन्न होते हैं और मनोकामना को पूरा करते हैं.
लेकिन इस बार की महाशिवरात्रि 2021 पंचक के बीच मनाई जाएगी. घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती इन पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है. पंचक निर्माण तभी होता है जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि पर गोचर करते हैं. लेकिन पंचक काल को शुभ नहीं माना जाता. शास्त्रों में पंचक के दौरान कुछ कामों को करने की मनाही है.
पंचक के दौरान इन कामों की है मनाही
शास्त्रों में पंचक के समय दक्षिण दिशा की यात्रा करना और लकड़ी का सामान खरीदना वर्जित बताया गया है. साथ ही इस दौरान भवन या कार्यस्थल की छत भी नहीं बनवाना चाहिए. इन नक्षत्रों की युति में किसी की मृत्यु होने पर परिवार के अन्य सदस्यों पर भी मृत्यु का खतरा मंडराता है या फिर मृत्यु तुल्य कष्ट होने का डर होता है. यही वजह है कि पंचक काल में दाह संस्कार कराते समय विशेष सावधानियां बरती जाती हैं, ताकि परिवार के अन्य सदस्यों को उन खतरों से बचाया जा सके.
कब से कब तक रहेगा पंचक
11 मार्च को पंचक सुबह 9 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा और 15 मार्च को पूरा दिन रहेगा. इसके बाद 16 मार्च की सुबह 4 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा.
पूजा के लिहाज से बेहद शुभ है महाशिवरात्रि
हालांकि महाशिवरात्रि का दिन व्रत और पूजा के लिहाज से काफी शुभ रहेगा. इस दिन चतुर्दशी तिथि 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से 12 मार्च दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक रहेगी. 11 मार्च को सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक शिव योग रहेगा. उसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा जोकि 12 मार्च सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. इस तरह चतुर्दशी तिथि सिद्ध योग में शुरू होगी. लेकिन महादेव के भक्त 11 मार्च के दिन इस व्रत को रहेंगे. ऐसे में शिव योग के दौरान श्रद्धापूर्वक जाप किए गए मंत्र उनके लिए शुभफलदायक होंगे. वहीं अगर वे लंबे समय से किसी काम को कराने का प्रयास कर रहे हैं और वो काम पूरा नहीं हो पा रहा तो वे सिद्ध योग में महादेव के समक्ष अपनी मनोकामना रखकर उनका और माता पार्वती का श्रद्धापूर्वक ध्यान करें. उन्हें अवश्य सफलता मिलेगी.