महाशिवरात्रि के दिन शिव जी और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. इस खास दिन महादेव पर बेलपत्र, धतूरा, चंदन, अक्षत आदि चढ़ाए जाते हैं. सबसे पहले महादेव का, दूध, दही, चीनी, शहद और घी से स्नान करवाकर उनका अभिषेक किया जाता है.
पर क्या आप जानते हैं कि कई ऐसी चीजें होती हैं जिन्हे शिव जी को अर्पित नहीं किया जाना चाहिए. महाशिवरात्रि के मौके से पहले आइए जानते हैं कि शिव पूजन में किन चीजों की मनाही की गई है.
हल्दी: कई पूजा पाठ में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है पर शिव पूजन में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है. शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पौरुष का प्रतीक है और हल्दी सौंदर्य प्रसाधन का सामान कहलाती है. हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और सौभाग्य से भी है, इसलिए यह भगवान शिव को नहीं चढ़ता है. अगर ऐसा आप करते हैं तो इससे आपका चंद्रमा कमजोर होने लगता है और चंद्रमा कमजोर होने से आपका मन चंचल हो जाता है.
शंख: भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था और शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु का भक्त था. इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है, शिव की नहीं.
कुमकुम: शिव जी को कुमकुम या रोली भी नहीं लगाई जाती है. महाशिवरात्रि पर आप भी भोलेनाथ की पूजा में इसका इस्तेमाल ना करें.
तुलसी दल: तुलसी के पत्ते भी महादेव पर अर्पित नहीं किए जाते हैं. तुलसी को भगवान विष्णु ने पत्नी रूप में स्वीकार किया है. इसलिए तुलसी से शिव जी की पूजा नहीं होती.
लाल फूल: महादेव की पूजा में लाल फूल बिल्कुल भी नहीं चढ़ाए जाते हैं. शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध किया गया है.
नारियल पानी: नारियल को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए इससे शिव जी का अभिषेक बिल्कुल नहीं करना चाहिए.