आज के दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की होगी आराधना

सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Update: 2023-05-15 18:51 GMT

जनता से रिश्ता बेबडेस्क | ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। इस साल अपरा एकादशी आज यानी सोमवर को है। इसे अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। अपरा एकादशी व्रत धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण व्रत है। ये व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और विधि-विधान से श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अपरा एकादशी व्रत से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने वाले लोगों की सभी मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती हैं। साथ ही सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

अपरा एकादशी 2023 मुहूर्त

पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 15 मई रात 2:46 हो रही है। अगले दिन ये तिथि 16 मई को रात 1:03 पर समाप्त होगी। 15 मई को उदया तिथि प्राप्त हो रही है, इसलिए इसी दिन अपरा एकादशी व्रत रखा जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

15 मई को अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का मुहूर्त सुबह 08:54 से सुबह 10:36 है।

अपरा एकादशी व्रत का पारण

अपरा एकादशी व्रत के पारण का समय 16 मई को 06:41 से सुबह 08:13 तक है।

अपरा एकादशी महत्व

अपरा एकादशी अत्यंत पुण्यदायिनी है। पद्मपुराण के अनुसार अपरा एकादशी का पुण्य व्यक्ति को मृत्यु के बाद भी प्राप्त होता है। इस व्रत से बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। इस व्रत के संबंध में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर को बताया है कि ये व्रत बड़े-बड़े पापों का भी नाश करने वाला है। जो भी व्यक्ति इस व्रत को करता है, उसे अपार धन प्राप्त होता है और उसे संसार में यश मिलता है।

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