Shardiya Navratri: मां दुर्गा की चौथी शक्ति का स्वरूप, इस विधि से करें देवी को प्रसन्न

Update: 2024-10-06 10:36 GMT
Shardiya Navratri ज्योतिष न्यूज़: हिंदुओं का प्रमुख पर्व नवरात्रि चल रहा है जिसका आरंभ इस बार 3 अक्टूबर से हो चुका है और समापन 11 अक्टूबर को हो जाएगा। इसके अलगे दिन दशहरा पर्व मनाया जाएगा। आज यानी 6 अक्टूबर दिन रविवार को शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है जो कि मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा को समर्पित है
देवी कूष्मांडा मां दुर्गा की चौथी शक्ति हैं इनकी साधना आराधना भक्तों के जीवन में सुख शांति और समृद्धि लाती है और दुखों का नाश करती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कूष्मांडा ने ही सृष्टि की रचना की थी। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है।
जिसका अर्थ कुम्हड़ा यानी पेठा की बलि देना है। नवरात्रि के चौथे दिन हम आपको अपने इस लेख द्वारा मां कूष्मांडा के भव्य स्वरूप के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 जानिए माता कूष्मांडा का कैसा है स्वरूप—
धार्मिक पुराणों के अनुसार मां दुर्गा के चौथे स्वरूप को कूष्मांडा कहा जाता है मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं है और माता के एक हाथ में जपमाला बाकी सात भुजाओं में धनुष, बाण, कमल, अमृत पूर्ण कलश, कमंडल, चक्र और गदा है। देवी का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी है माता दुखों का नाश करने वाली और सुख समृद्धि का वरदान देने वाली देवी हैं इनकी पूजा जीवन में खुशियां लेकर आती है और कष्टों का निवारण करती हैं।
 मां कूष्मांडा की पूजा विधि—
नवरात्रि के चौथे दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर माता की विधिवत पूजा करें देवी कूष्मांडा का ध्यान कर माता को पुष्प अर्पित करें। फिर धूप दीपक जलाकर आरती करें। देवी को भोग लगाएं और मंत्रों का विधिवत जाप करें।
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