हम सभी सामाजिक जीवन में सुख और दुख में शामिल होते हैं। प्रत्येक स्थिति के लिए कुछ सामाजिक और नैतिक मर्यादाएं होती हैं। मर्यादा के विरूद्ध व्यवहार करना अशोभनीय माना जाता है। शास्त्रों में 5 ऐसी परिस्थितियां या अवस्था बताई हैं जिनमें हंसने से करोड़ों गुना पाप लगता है।
# श्मशान में- कोई अपने को खो चूका है, और आप उस अवस्था में हँसे तो वो 100 पाप के बराबर है। अगर आप उस अवस्था में हँसते है तो वो उस परिवार का भी अपमान है जो शोकगुल में डूबा हुआ है।
# अर्थी के पीछे- जब आप शोक यात्रा में जा रहे है तो उसमे कृपया करके हसी ठिठोली न करे ये बहुत ही गलत होगा।
# शोक में- अगर आप किसी की तीये की बैठक में हो या शोक की बैठक में हो तो थोड़ा चुप बैठे वहा गप्पे नहीं मारे।
# मन्दिर में- आप भगवन से अपने लिए प्रार्थना करने गए है, आप कुछ मांग रहे है भगवन से तो आपको बहुत शांत मन से भगवन क यद् करना चाइये नाकि हसी ठिठोली करनी चाइये।
# कथा में - अगर आप किसी महा पुरुष की कथा में गए है तो कृपया वह बेथ कर जो ज्ञान वो बाँट रहे है उसे ध्यान पूर्वक सुने नाकि खुद की बाते करे।