जानिए गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं देखते हैं चंद्रमा?

चैत्र माह की विनायक चतुर्थी 05 अप्रैल दिन मंगलवार को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह दो चतुर्थी पड़ती है।

Update: 2022-03-29 06:01 GMT

जानिए गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं देखते हैं चंद्रमा?

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र माह की विनायक चतुर्थी 05 अप्रैल दिन मंगलवार को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह दो चतुर्थी पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। चतुर्थी तिथि गणेश जी को अत्यंत प्रिय है। इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। गणेश जी को सभी संकटों को दूर करने वाला और विघ्नहर्ता माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि जो भी जातक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना नियमित रूप से करते हैं, उनके घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है। विनायक चतुर्थी पर व्रत रखा जाता है और गणेश जी की पूजा दोपहर तक कर लेते हैं, क्योंकि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से व्यक्ति पर झूठे कलंक लगते हैं। आइए जानते हैं आखिर क्यों नहीं देखना चाहिए चंद्रमा और इसके पीछे क्या है मान्यता....

गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं देखते हैं चंद्रमा?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब भगवान गणेश को गज का मुख लगाया गया तो सभी देवताओं ने उनकी स्तुति की पर चंद्रमा मंद-मंद मुस्कुराते रहे। चंद्रमा को अपने सौंदर्य पर अभिमान था। इस बात से क्रोध में आकर गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दे दिया कि आज से तुम काले हो जाओगे। चंद्रमा को अपनी भूल का एहसास हुआ। उन्होंने भगवान गणेश से क्षमा मांगी तो गणेश जी ने कहा कि सूर्य का प्रकाश पाकर तुम एक दिन पूर्ण हो जाओगे, लेकिन चतुर्थी का ये दिन तुम्हें दंड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। गणेश जी ने ही चंद्रमा को श्राप दिया था कि जो कोई व्यक्ति शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन तुम्हारे दर्शन करेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा।
इसलिए कहा जाता है कलंक चतुर्थी
चतुर्थी की रात सीधे चांद देखने को मना किया जाता है। यही वजह है कि करवा चौथ के दिन भी चांद का दर्शन छलनी या दुपट्टे से किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने पर इंसान पर झूठे कलंक लगते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने भी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन किया था, जिसके कारण उनपर मणिचोरी का झूठा आरोप लगा था। इसलिए गणेश चतुर्थी को 'कलंक चतुर्थी' भी कहा जाता है और चंद्र दर्शन करने से मना किया जाता है।
चतुर्थी के दिन यदि चांद दिख जाए तो क्या करें?
गणेश चतुर्थी के दिन यदि चंद्र दर्शन हो जाए, तो इस मंत्र को जपने से कलंक नहीं लगता है-
सिंहः प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमार मा रोदीस्तव ह्मेषः स्यमन्तकः।।
चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश जी की पूजा
भगवान गणेश को सिंदूर बेहद प्रिय है, इसलिए विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के समय गणेश जी को लाल रंग के सिंदूर का तिलक लगाएं और स्वयं भी उसका तिलक करें।
कष्टों से निवारण और शत्रु बाधा से बचने के लिए 'ॐ गं गणपतये नमः' का पाठ करना उत्तम रहता है। इसके अलावा धन वृद्धि के लिए गणेशजी के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए।
गणेशजी को मोदक का भोग जरूर लगाएं
भगवान गणेश को मोदक बेहद पसंद है। ऐसे में उनकी कृपा पाने के लिए चतुर्थी के दिन मोदक या लड्डू का भोग जरूर लगाएं। कहा जाता है कि चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को मोदक चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण होती हैं।
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